कौन हैं पाकिस्तानी साइंटिस्ट Dr Aafia Siddiqui, जिसे छुड़ाने की मांग कर रहा था अमेरिका में लोगों को बंधक बनाने वाला संदिग्ध आतंकी

आफिया सिद्दीकी ने अमेरिका से अपनी पढ़ाई पूरी की है. साल 2004 में अमेरिका ने उनका लिंक अलकायदा से जोड़ा और 2008 में उन्हें अफगानिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके दो सालों बाद आफिया को 86 साल जेल की सजा सुनाई गई जिसका पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया था.

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आफिया सिद्दीकी फिलहाल टेक्सास के जेल में हैं (Photo- Facebook/Free Aafia Siddiqui) आफिया सिद्दीकी फिलहाल टेक्सास के जेल में हैं (Photo- Facebook/Free Aafia Siddiqui)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST
  • अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थानों से आफिया सिद्दीकी ने की है पढ़ाई
  • 2004 में जुड़ा था अलकायदा से लिंक
  • अमेरिकी अधिकारियों पर गोली चलाने की दोषी हैं आफिया

अमेरिका के टेक्सास शहर में एक हमलावर ने चार लोगों को बंधक बना लिया और पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ. आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग करने लगा. हालांकि, पुलिस ने शनिवार की रात हमलावर को ढेर कर दिया और सभी लोगों को बचा लिया गया है. इस घटना से आफिया सिद्दीकी का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है.

आफिया सिद्दीकी अफगान कस्टडी में रहते हुए अमेरिकी सैन्य अफसरों की हत्या की कोशिश करने के मामले में दोषी पाई गई थीं. 2010 में मैनहट्टन में दोषी ठहराए जाने के बाद आफिया को 86 साल की जेल की सजा हुई. आफिया का कनेक्शन आतंकी संगठन अलकायदा से जोड़ा गया था.

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कौन हैं आफिया सिद्दीकी?

आफिया सिद्दीकी पाकिस्तान की न्यूरो वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अमेरिका में रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थानों ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से डिग्री ली. 

11 सितंबर 2001 के हमले के कुछ समय बाद आफिया अमेरिका के कानून प्रवर्तन की नजर में आईं. अमेरिका की एफबीआई और न्याय विभाग ने मई 2004 के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आफिया को अलकायदा का संचालक और सूत्रधार बताया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने वाले महीनों में अल-कायदा द्वारा हमले की योजना की खुफिया जानकारी की चेतावनी भी दी गई.

2008 में आफिया को अफगानिस्तान में अधिकारियों ने हिरासत में लिया था. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें आफिया के पास से हाथ से लिखे नोट मिले, जिसमें तथाकथित 'डर्टी बम' के निर्माण पर चर्चा की गई थी. नोट में अमेरिका के विभिन्न स्थानों को सूचीबद्ध किया गया था, जहां बड़े पैमाने पर हमला किया जा सकता था.

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आफिया को अफगानिस्तान में ही कस्टडी में रखा गया था. इसी दौरान एक बार उन्होंने पूछताछ के दौरान कथित रूप से एक अमेरिकी सेना अधिकारी की एम-4 राइफल छीन ली और पूछताछ कर रही टीम पर गोलियां चला दीं.

'मैं पागल नहीं हूं'

आफिया को 2010 में अमेरिका के बाहर अमेरिकी नागरिकों को मारने के प्रयास सहित कई आरोपों में दोषी ठहराया गया. अपनी सजा पर सुनवाई के दौरान आफिया ने कई आश्चर्यजनक बयान दिए. उन्होंने विश्व शांति का संदेश दिया और सजा सुनाने वाले जज को भी माफ कर दिया.

जब आफिया के वकीलों ने दलील दी कि वो नरमी की हकदार हैं क्योंकि वह मानसिक रूप से बीमार थीं तो आफिया उन पर ही भड़क गईं. उन्होंने भड़कते हुए अदालत में अपने वकीलों से कहा था, 'मैं पागल नहीं हूं. मैं आपकी बातों से सहमत नहीं हूं.'

सजा पर कैसा था पाकिस्तान का रिएक्शन?

आफिया की सजा की पाकिस्तान ने कड़ी आलोचना की थी. पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और मीडिया ने भी इसकी खासी आलोचना की. तत्कालीन प्रधानमंत्री, यूसुफ रजा गिलानी ने उन्हें 'राष्ट्र की बेटी' कहा और जेल से उनकी रिहाई के लिए काम करने की कसम खाई. इसके बाद भी पाकिस्तान के नेताओं ने आफिया की रिहाई को लेकर कई कदम उठाए हैं.

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जेल में हो चुका है आफिया पर हमला

आफिया सिद्दीकी को टेक्सास के फोर्ट वर्थ जेल में रखा गया है. अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, पिछले साल जुलाई में उन पर एक अन्य कैदी ने हमला कर उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया था. सिद्दीकी के वकीलों ने जेल ब्यूरो के खिलाफ एक मुकदमा भी दर्ज किया है.

वकीलों ने कहा कि कैदी ने आफिया के चेहरे पर गर्म तरल पदार्थ से भरा एक कॉफी मग तोड़ दिया. इसके बाद आफिया ने खुद को बचाने की कोशिश की लेकिन कैदी ने उन्हें लात घूंसों से मारना शुरू कर दिया. इस हमले में आफिया इतनी बुरी तरह घायल हो गईं कि उन्हें व्हीलचेयर पर अस्पताल ले जाना पड़ा.

आफिया की तरफ से मुकदमे में कहा गया है कि हमले में उनकी आंखों में जलन और बायीं आंख के पास तीन इंच का निशान हो गया. उनके हाथ और पैर में भी चोट के निशान हैं और गाल में भी चोट आई है.

इस हमले के बाद आफिया के रिहाई की मांग और तेज हो गई. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और धार्मिक समूहों ने विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया. प्रदर्शनों में जेल की स्थिति में सुधार की मांग की गई. पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी सरकार से आफिया की अमेरिकी हिरासत से रिहाई के लिए लड़ने का भी आह्वान किया है.  

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