ताइवान ने दी चीन को चेतावनी- कब्जा किया तो पूरे एशिया में होगा विनाश

चीन और ताइवान के बीच तनाव गहराता जा रहा है.  1 अक्टूबर को चीन ने अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया था और अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान के रक्षा वायु क्षेत्र में 38 लड़ाकू विमान उड़ाए थे. अब इस मामले में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) का बयान सामने आया है.

Advertisement
Tsai Ing-wen फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स Tsai Ing-wen फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 05 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST
  • ताइवान के रक्षा क्षेत्र में उड़ाए थे चीन ने अपने विमान
  • ताइवान को कंट्रोल करने की कोशिश में जुटा है चीन

चीन और ताइवान के बीच तनाव गहराता जा रहा है.  1 अक्टूबर को चीन ने अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया था और अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान के रक्षा वायु क्षेत्र में 38 लड़ाकू विमान उड़ाए थे. अब इस मामले में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) का बयान सामने आया है.

Advertisement

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन ने अगर ताइवान पर कब्जा किया तो पूरे एशिया में इसके गंभीर और विनाशकारी परिणाम होंगे. फॉरेन अफेयर्स पत्रिका में ताइवान की राष्ट्रपति ने ये लेख लिखा है. उन्होंने कहा कि ताइवान सैन्य टकराव नहीं चाहता, लेकिन अपने आपको बचाने के लिए के लिए जो भी करना पड़ेगा, उसे करने से ताइवान नहीं चूकेगा. 

गौरतलब है कि उनका ये बयान एक ऐसे वक्त में आया है जब चीन ताइवान पर जबरदस्त दबाव बना रहा है. ताइवान अपने आपको एक स्व-शासित लोकतांत्रिक द्वीप के तौर पर देखता रहा है लेकिन चीन का मानना है कि ताइवान उसका हिस्सा है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कह चुके हैं कि ताइवान पर चीन का कब्जा निश्चित रूप से होगा.

ताइवान पर लगातार कब्जे की कोशिश करता रहा है चीन

Advertisement

बता दें कि चीन के राष्ट्रीय दिवस पर शुक्रवार को 38 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में दो बार उड़ान भरी और इसे चीन द्वारा अब तक सबसे बड़ा अतिक्रमण बताया गया था. साल 2016 में ताइवान में हुए राष्ट्रपति चुनावों के बाद से चीन ने इस क्षेत्र में सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव को बढ़ाया है क्योंकि इन चुनावों में इंग-वेन ने जीत हासिल की थी और वे ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानती रही हैं और उन्होंने ये भी लगातार कहा है कि ताइवान चीन का हिस्सा नहीं है. 

गौरतलब है कि चीन एक महाशक्ति होने के बावजूद क्यूबा से भी छोटे द्वीप ताइवान पर अब तक सैन्य हमला नहीं कर पाया है. चीन से महज 180 किलोमीटर दूर ताइवान की भाषा और पूर्वज चीनी ही हैं लेकिन वहां की राजनीतिक व्यवस्था काफी अलग है. हालांकि चीन अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन कर ताइवान को दबाव में डालने की कोशिश करता रहा है. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement