कुरान जलाने से खफा मुस्लिम युवक पहुंचा बाइबल को आग के हवाले करने लेकिन...

स्वीडन में बकरीद के मौके पर एक इराकी प्रवासी ने कुरान जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके जवाब में एक मुस्लिम युवक ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा के तहत स्वीडिश पुलिस से ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल और यहूदी धार्मिक ग्रंथ तौरात जलाने की अनुमति मांगी थी.

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फाइल फोटो- रॉयटर्स फाइल फोटो- रॉयटर्स

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

पिछले महीने बकरीद के मौके पर एक इराकी ईसाई ने स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने कुरान जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था. मुस्लिम बहुल देशों के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी इसकी कड़ी निंदा की थी. दुनियाभर के मुसलमानों में इस घटना को लेकर इतनी नाराजगी थी कि एक मुस्लिम युवक ने स्वीडन सरकार से ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल और यहूदी धार्मिक ग्रंथ तौरात जलाने की अनुमति की मांग कर दी थी. 

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30 साल के इस युवक ने स्टॉकहोम में इजरायली दूतावास के बाहर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत तौरात और बाइबिल जलाने की अनुमति मांगी थी. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, स्टॉकहोम पुलिस ने युवक को धार्मिक ग्रंथ जलाने की अनुमति दे दी थी. लेकिन उस व्यक्ति ने बाइबिल जलाने की अपनी योजना के बारे में कहा कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ को जलाना कुरान के खिलाफ होगा. और वह किसी भी धार्मिक ग्रंथ को नहीं जलाएगा.

किसी भी धार्मिक ग्रंथ को जलाना कुरान के खिलाफः व्यक्ति

स्वीडिश समाचार एजेंसी टीटी के मुताबिक, व्यक्ति को 15 जुलाई यानी शनिवार को धार्मिक ग्रंथ बाइबिल और तौरात जलाने की अनुमति दी गई थी. लेकिन जहां वह धार्मिक ग्रंथ जलाने वाला था, वहां पहुंचने के बाद उसने यह कहते हुए लाइटर फेंक दिया कि वह एक मुस्लिम है और पवित्र धार्मिक ग्रंथ जलाने का उसका कभी इरादा नहीं था. उसने आगे कहा कि इस तरह का कदम मुस्लिमों की पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान के खिलाफ होगा और वह ऐसा कभी नहीं करेगा. साथ ही उसने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसा नहीं करना चाहिए. 

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स्वीडिश पब्लिक ब्रॉडकास्टर SVT के मुताबिक, व्यक्ति ने बाइबिल जलाने के लिए जो लाइटर लेकर आया था, उसे फेंक दिया और कहा कि उसे इसकी जरूरत नहीं है. उसने कहा, "मैं एक मुस्लिम हूं. हम किताबें नहीं जलाते. मैं यह दिखाना चाहता हूं कि हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. पवित्र धार्मिक ग्रंथ तौरात या बाइबिल जलाने का हमारा कभी भी इरादा नहीं था."

टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति शनिवार दोपहर को इजरायली दूतावास के बाहर पहुंचा और कहा कि यहूदी या ईसाई धार्मिक पुस्तकों को जलाने का उसका इरादा कभी नहीं था. उसका मकसद सिर्फ हाल ही में जलाए गए कुरान का विरोध करना था.

पुलिस ने दी थी कुरान जलाने की अनुमति

स्वीडन की एक अदालत ने कुरान जलाने पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया था. जिसके बाद स्वीडिश पुलिस ने अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए सलवान मोमिका को स्टॉकहोम में कुरान जलाने की अनुमति दी थी. जिसके बाद सलवान मोमिका ने बकरीद के मौके पर स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था.

स्वीडन में सार्वजनिक प्रदर्शन करने का अधिकार बहुत ही मजबूत और व्यापक है जो संविधान द्वारा संरक्षित है. 1970 के दशक में ईशनिंदा कानूनों को खत्म दिया गया था. पुलिस इस आधार पर सार्वजनिक प्रदर्शन की अनुमति देती है कि सार्वजनिक प्रदर्शन किसी बड़े व्यवधान या सार्वजनिक सुरक्षा के जोखिमों के बिना किए जा सकते हैं.

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इजरायल ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया 

इजरायली अधिकारियों ने स्वीडिश सरकार से दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन और पवित्र पुस्तकों को जलाने से रोकने का आह्वान किया था. इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और विश्व यहूदी कांग्रेस ने भी इसकी निंदा की थी. इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन और इजरायल के प्रमुख रब्बी यित्जाक योसेफ ने भी तौरात जलाने की अनुमति की निंदा की थी.

स्वीडन में इजरायल के राजदूत जिव नेवो कुलमन (Ziv Nevo Kulman) तौरात जलाने की मांग वाले अनुरोध पर ट्वीट करते हुए लिखा था, "स्वीडन में और अधिक धार्मिक ग्रंथों को जलाने की संभावना से मैं स्तब्ध और भयभीत हूं. कुरान हो, तौरात हो या कोई अन्य धार्मिक ग्रंथ, उसे जलाना एक घृणित कार्य है. इसे रोका जाना चाहिए."

 

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