उज्मा के बाद अब रियाद की जेल में बंद फहिमुन्निसा की मदद करेंगी सुषमा

सुषमा से जब महिला के पति ने उसकी रिहाई के लिए मंत्री से निवेदन किया था. उनकी गिरफ्तारी के पीछे के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है.

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सुषमा ने फिर बढ़ाया मदद का हाथ सुषमा ने फिर बढ़ाया मदद का हाथ

मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2017,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जिंदादिली का एक और उदाहरण सामने आया है. सुषमा स्वराज ने गुरुवार को रियाद की एक जेल में बंद तेलंगाना की रहने वाली एक भारतीय महिला को मदद का भरोसा दिया है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, हम फहिमुन्निसा बेगम को कानूनी मदद के साथ ही हर सहायता उपलब्ध कराएंगे.

 

 

दरअसल, सुषमा से जब महिला के पति ने उसकी रिहाई के लिए मंत्री से निवेदन किया था. उनकी गिरफ्तारी के पीछे के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है.

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इसके अलावा अन्य व्यक्ति के आग्रह के जवाब में सुषमा ने कहा कि बहरीन में भारतीय दूतावास वहां एक भारतीय के डूबने की घटना पर गौर करेगा. 32 वर्षीय कबीस अब्दुल जलील बहरीन के एक स्वीमिंग पूल में डूब गया था, उसके रिश्तेदार ने ट्विटर पर स्वराज से संपर्क साधा था.

 

 

आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुषमा स्वराज की जमकर तारीफ की थी. वर्जीनिया में सामुदायिक समारोह के दौरान भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, सोशल मीडिया बेहद शक्तिशाली हो गया है. मैं भी इससे जुड़ा हूं. लेकिन विदेश मंत्रालय और सुषमा स्वराज ने यह मिसाल कायम की है कि कैसे किसी विभाग को इसके जरिए मजबूत किया जा सकता है.

रात दो बजे भी मिलता है जवाब

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मोदी ने कहा, दुनिया के किसी भी कोने में मुश्किल में फंसा कोई भारतीय अगर विदेश मंत्रालय को ट्वीट करता है, तो सुषमा स्वराज 15 मिनट के भीतर उसे जवाब देती हैं, फिर चाहे रात के दो ही क्यों न बजे हों. सरकार तुरंत कदम उठाती है और परिणाम सामने आते हैं, यह सुशासन है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय कूटनीति में नई ऊंचाईयां हासिल की हैं.

उज्मा का दिया उदाहरण

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में 80 हजार से ज्यादा भारतीय किसी न किसी मुश्किल का सामना कर रहे थे लेकिन भारत सरकार उन्हें सुरक्षित भारत लेकर आने में सफल रही. उन्होंने उस भारतीय युवती उज्मा अहमद के मामले का भी जिक्र किया, जिसका दावा था कि उसे बंदूक के डर से एक पाकिस्तानी पुरुष से शादी करनी पड़ी थी. मोदी ने कहा, भारत की एक बेटी, जो पाकिस्तान में मुश्किल में फंस गई थी, वह भारतीय उच्चायोग के प्रयासों से भारत लौटी. इसका श्रेय सुषमा जी को जाता है.

 

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