सूडान: भुखमरी का सामना कर रहे लोगों पर RSF का हमला, 100 से अधिक की मौत की आशंका

आंदोलन समूह जनरल कोऑर्डिनेशन ऑफ डिस्प्लेस्ड पर्सन्स एंड रिफ्यूजीज ने बताया कि हमले गुरुवार से शुरू हुए और शनिवार तक जारी रहे. इन हमलों में आवासीय क्षेत्रों, बाजारों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी निशाना बनाया गया, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए या घायल हुए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

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सूडान में लाखों लोग विस्थापित होकर शिविरों में रहने को मजबूर हैं (फाइल फोटो) सूडान में लाखों लोग विस्थापित होकर शिविरों में रहने को मजबूर हैं (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

सूडान के दर्फूर क्षेत्र में शुक्रवार से जारी हमलों में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है. मृतकों में कम से कम 20 बच्चे भी शामिल हैं. यह हमला पैरामिलिट्री समूह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) द्वारा किया गया बताया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, RSF ने एल-फाशर शहर और पास के ज़मज़म व अबू शौक विस्थापित शिविरों पर जमीनी और हवाई हमले किए.

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संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मामलों की समन्वय इकाई (OCHA) ने शनिवार को बताया कि इन हमलों ने पहले से ही भुखमरी से जूझ रहे इन शिविरों में तबाही मचा दी है.

'युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध'

आंदोलन समूह जनरल कोऑर्डिनेशन ऑफ डिस्प्लेस्ड पर्सन्स एंड रिफ्यूजीज ने बताया कि हमले गुरुवार से शुरू हुए और शनिवार तक जारी रहे. इन हमलों में आवासीय क्षेत्रों, बाजारों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी निशाना बनाया गया, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए या घायल हुए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. संगठन ने इन हमलों को युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया.

RSF का इनकार, सेना पर आरोप

RSF ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि जमजम कैंप पर नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो सेना द्वारा फैलाया गया प्रोपेगंडा है, जिसमें नकली दृश्य शामिल हैं ताकि RSF को बदनाम किया जा सके. RSF ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सेना पर असली अपराधों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया.

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बता दें कि अप्रैल 2023 में RSF और सूडानी सेना के बीच सत्ता संघर्ष के चलते युद्ध छिड़ा, जिसने देश में लोकतांत्रिक बदलाव की उम्मीदों को तोड़ दिया. इस संघर्ष में लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और विशेष रूप से दर्फूर जैसे क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचा है.

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