दो देश-दो तस्वीरें... पाकिस्तान में आटे के लिए मौतें, भारत में गेहूं उत्पादन का इस साल टूटने जा रहा रिकॉर्ड

पाकिस्तान में आसमान छूती महंगाई से राहत देने के लिए पाकिस्तानी सरकार खासकर पंजाब प्रांत में गरीबों के लिए मुफ्त आटा बांट रही है. लेकिन इस दौरान जमकर लूट मच रही है और भगदड़ की स्थिति पैदा हो रही है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में फ्री आटे के लिए मची भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. 

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पाकिस्तान में आटे के लिए हाहाकार (फोटो- रॉयटर्स) पाकिस्तान में आटे के लिए हाहाकार (फोटो- रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

अगस्त 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था. 15 अगस्त 2023 को इस बंटवारे के 76 साल हो जाएंगे. आजादी के इन 75 सालों में जहां भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, तो वहीं पाकिस्तान बदहाल और कंगाल स्थिति में है. महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है. पड़ोसी देश में हालात इतने बिगड़ गए कि जीवन की सबसे बुनियादी जरूरत रोटी भी लोगों की थाली से दूर होती चली जा रही है. सरकार की ओर से दिए जा रहे फ्री आटे के लिए भगदड़ मच रही है. पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों में आटे के लिए हुईं भगदड़ की घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो चुकी है. तो वहीं भारत इस साल गेहूं के उत्पादन के मामले में रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. 

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दरअसल, पाकिस्तान में आसमान छूती महंगाई से राहत देने के लिए पाकिस्तानी सरकार खासकर पंजाब प्रांत में गरीबों के लिए मुफ्त आटा बांट रही है. लेकिन इस दौरान जमकर लूट मच रही है और भगदड़ की स्थिति पैदा हो रही है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में फ्री आटे के लिए मची भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. 

पाकिस्तान में मंगलवार को साहीवाल, बहावलपुर, मुजफ्फरगढ़ और ओकारा में मची भगदड़ में दो महिलाओं समेत 3 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा फैसलाबाद, मुल्तान में भी मौतें हुई हैं. पुलिस पर मुफ्त आटा पाने के लिए लंबी लंबी लाइनों में लगे लोगों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लग रहा है. इतना ही नहीं अब आटा वितरण केंद्रों पर सुरक्षाबलों को तैनात किया जा रहा है, ताकि ट्रकों की लूट न हो सके. 

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पाकिस्तान में कितनी है आटे की कीमत?

पाकिस्तान में बीते एक साल में बेसिक सामान काफी महंगा हो गया है, यहां तक कि आटे की कीमत में 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पाकिस्तान में आटे की कीमतें 145 से 160 रुपये प्रति किलो तक जा चुकी हैं. ऐसे में गरीबों के लिए इसे खरीदना काफी मुश्किल हो गया है. गेहूं की किल्लत गहराने से लोगों में अपने और परिवार का पेट भरने की चिंता बढ़ गई है. देश में आटे की आपूर्ति डिमांड की तुलना में काफी कम है. ऐसे में इसकी कीमत हर रोज बढ़ रही है. पाकिस्तान में आटे की इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं.

 

पाकिस्तान में क्यों महंगा हुआ आटा?

पाकिस्तान में केंद्र और राज्य सरकार एक दूसरे को आटे के संकट के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं. जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध, 2022 की बाढ़ और अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी के चलते यह संकट पैदा हुआ है. पाकिस्तान में हाल ही में रूस से गेहूं पहुंचा है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान में कुछ समय बाद इस संकट से थोड़ी राहत मिल सकती है. 

पाकिस्तान में दो गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब और सिंध में आटा लगभग 145-160 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. जबकि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में कीमतें और अधिक हैं. पाकिस्तान में पिछले 1 साल में 5 किलो और 10 किलो आटे के पैकेट की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं. इस्लामाबाद में एक नान की कीमत 30 तो एक रोटी की कीमत 20 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई है. पाकिस्तान का एक पाकिस्तानी रुपये भारत के करीब 35 पैसे के बराबर है. 
 

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आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान आर्थिक संकट से बुरी तरह जूझ रहा है. उस पर 120 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज है. जबकि सिर्फ 3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है. देश में कारखाने बंद होते जा रहे हैं. सरकारी प्रोजेक्ट और विभाग बिकने की कगार पर हैं या लीज पर रखे जा रहे हैं. आम जनता रोटी-पेट्रोल और जरूरी सामान जुटाने को भटक रही है और वहीं आर्थिक मदद पाने के लिए नेताओं को विदेशी दौरे करने पड़ रहे हैं. 


गेहूं के उत्पादन में भारत बनाने जा रहा रिकॉर्ड

भारत में इस साल 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की संभावना जताई गई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-2 में गेहूं उत्पादक राज्यों में लू के कारण उत्पादन घटकर 106.84 मिलियन टन रह गया था. इससे पहले 2020-21 में देश में सबसे ज्यादा 109.59 मिलियन टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था. इस साल इस रिकॉर्ड के टूटने की उम्मीद जताई जा रही है. 

सूत्रों के मुताबिक, मौसम की मौजूदा स्थिति और थोड़े अधिक रकबे में बुवाई के कारण गेहूं की फसल की संभावना बेहतर है. इस साल कुल उत्पादन 112 मिलियन टन से अधिक होने का अनुमान है. गेहूं रबी की मुख्य फसल है. इसकी बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है और कटाई मार्च और अप्रैल में की जाती है. 

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आंकड़ों के मुताबिक, भारत में इस साल मौजूदा रबी सीजन में 332.16 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई है.जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 329.88 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी. 


 

 

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