भारत के अफगानिस्तान मामलों के प्रमुख आनंद प्रकाश ने तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की और राजनीतिक तथा व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा की. अफगानी मीडिया ने रविवार को इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी. अफगानिस्तान के न्यूज चैनल टोलो न्यूज के मुताबिक, काबुल में हुई इस बैठक में, कार्यवाहक विदेश मंत्री ने भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों के विस्तार पर ज़ोर दिया.
'अफगानिस्तान में निवेश का लाभ उठाएं भारतीय निवेशक'
मुत्ताकी ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि भारतीय निवेशकों को अफगानिस्तान में निवेश के अवसरों का फायदा उठाना चाहिए. अफगानी प्रवक्ता के हवाले से मीडिया ने इस बारे में जानकारी दी.
यह यात्रा ऐसे वक्त पर हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि प्रकाश-मुत्ताकी की बातचीत में इस मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं.
भारत ने नहीं दी है तालिबान सरकार को मान्यता
बता दें कि भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है और काबुल में एक वास्तव में समावेशी सरकार के गठन की मांग करता रहा है. साथ ही यह भी जोर दिया है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए न किया जाए.
मानवीय सहायता पहुंचाने के पक्ष में भारत
भारत अफगानिस्तान में बढ़ते मानवीय संकट को देखते हुए वहां बिना किसी रुकावट के मानवीय सहायता पहुंचाने की बात करता रहा है. जून 2022 में, भारत ने काबुल में अपने दूतावास में एक 'तकनीकी टीम' भेजकर अपनी कूटनीतिक उपस्थिति फिर से स्थापित की थी. तालिबान के सत्ता में आने के बाद अगस्त 2021 में भारत ने अपने दूतावास के अधिकारियों को सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण वापस बुला लिया था.
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