सऊदी अरब तेल पर अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता को खत्म करने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के एक विश्लेषक ने कहा है कि 2030 तक सऊदी अरब की गैर तेल अर्थव्यवस्था में हर साल 3-4% का विस्तार होगा. विश्लेषक ने कहा है कि 2030 तक सऊदी की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गैर-तेल अर्थव्यवस्था का योगदान 56% हो जाएगा.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'विजन 2030' का सबसे बड़ा मकसद देश की तेल पर निर्भरता को खत्म करना है जो कि आने वाले सालों में पूरा होता दिख रहा है.
हाल ही में एक वेबिनार में, मूडीज एनालिटिक्स की एक अर्थशास्त्री कैटरिना नोरो ने कहा कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था पिछले दशक में बदल गई है. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में गैर-तेल सेक्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, 'हमारा अनुमान है कि सऊदी अरब की गैर-तेल अर्थव्यवस्था 2030 तक सालाना 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच बढ़ेगी. 2030 तक आते-आते कुल जीडीपी में गैर-तेल सेक्टर्स की हिस्सेदारी लगभग 56% हो जाएगी.
नोरो ने आगे कहा कि मूडीज को उम्मीद है कि 2025 के बाद 2030 तक सऊदी अरब के तेल क्षेत्र की बढ़ोतरी 0.5 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत के बीच रहेगी.
सऊदी अरब कैसे अपना लक्ष्य हासिल करेगा?
सऊदी अरब तेल पर अपनी निर्भरता घटाने के लिए विदेशी निवेश और पर्यटन को खूब बढ़ावा दे रहा है. नोरो ने कहा कि सऊदी अरब को अपने इस लक्ष्य का हासिल करने के लिए छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को नियमित रूप से लोन देना चाहिए और पर्यटन, निर्माण जैसे अहम क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना चाहिए.
नोरो का यह भी कहना है कि सऊदी की सरकार अगर अपनी गैर-तेल अर्थव्यवस्था के विस्तर को बनाए रखना चाहती है तो उसे अपने श्रम बल को बढ़ाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, 'कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी दर में बढ़ोतरी और प्रवासियों की आबादी में बढ़ोतरी अहम भूमिक निभा सकती है. इससे सऊदी की श्रम शक्ति बढ़ेगी, निजी और गैर तेल सेक्टर्स का विस्तार होगा.'
इससे पहले दिसंबर में, सऊदी अरब के जनरल अथॉरिटी फॉर स्टैटिस्टिक्स की तरफ से जारी एक रिपोर्ट से पता चला था कि इस साल की तीसरी तिमाही में सऊदी अरब की गैर-तेल अर्थव्यवस्था में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
क्या है एमबीएस का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट विजन 2023?
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जिन्हें एमबीएस कहा जाता है, ने 25 अप्रैल 2016 को अपना महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'विजन 2030' लॉन्च किया था. इसके तीन मुख्य उद्देश्य हैं- सऊदी अरब की तेल आधारित अर्थव्यवस्था में विविधता लाना, अपने रीति-रिवाजों को मानते हुए समाज का आधुनिकीकरण करना और सऊदी की वैश्विक छवि में सुधार लाना.
इस प्रोजेक्ट के तहत सऊदी अरब ने विदेशी निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई स्तरों पर सुधार किए हैं. सऊदी में स्वास्थ्य क्षेत्र और हाउसिंग सेक्टर में निजीकरण किया गया है जिससे नौकरियों के अवसर बढ़े हैं. सऊदी विश्व के देशों के साथ अपने व्यापार को बढ़ावा देने की सभी कोशिशें कर रहा है.
विजन 2030 के तहत ही सऊदी अरब रेगिस्तान में एक फ्यूचर सिटी 'NEOM' बना रहा है. यह 170 किलोमीटर लंबा सीधी रेखा में बसा एक शहर होगा जहां एक नकली चांद भी होगा.
क्राउन प्रिंस एमबीएस ने सऊदी की रूढ़िवादी इस्लामिक छवि में सुधार के लिए भी कई बड़े कदम उठाए हैं जिसमें महिलाओं को काम करने और कार चलाने की इजाजत जैसी चीजें शामिल हैं.
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