सऊदी अरब हुकूमत की ओर से हालिया आदेश में मस्जिदों के बाहरी लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल सीमित रखने के लिए कहा गया है. सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री शेख डॉ अब्द अल लतीफ अल-शेख ने इस आशय का सर्कुलर जारी किया. सर्कुलर में मस्जिदों को केवल अजान (नमाज के लिए बुलावा) और इकामत (नमाज के लिए तक्बीर) के लिए ही लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है.
साथ ही लाउडस्पीकर के वॉल्यूम को लाउडस्पीकर की क्षमता का एक तिहाई ही रखने के लिए कहा गया है. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. सऊदी अरब में इस्लामी मामलों के मंत्रालय ने एक ट्वीट के जरिए इस सर्कुलर की जानकारी दी.
इस ट्वीट में लिखा गया है- “इस्लामी मामलों के मंत्री जनाब डॉ अब्द अल-लतीफ अल-शेख ने मंत्रालय की सभी शाखाओं को एक सर्कुलर जारी किया है, इसके मुताबिक मस्जिदों से जुड़े लोगों को बाहरी लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल सिर्फ अजान और इकामत के लिए सीमित करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए, और आवाज की ऊंचाई लाउडस्पीकर डिवाइस की डिग्री (क्षमता) की एक तिहाई से ऊपर न रहे, और जो कोई भी उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
सऊदी अरब में दो साल पहले मस्जिदों की ओर से लाउडस्पीकर्स के इस्तेमाल को लेकर विचार शुरू हुआ था. इसके बाद अब सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने यह सर्कुलर जारी किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने लाउडस्पीकर्स पर रोक का फैसला एक शरीआ कानून और शेख मोहम्मद बिन सालेह अल उथायमीन और सालेह बिन फाजान अल फाजान के फतवा को आधार बना कर किया. इसके पीछे की वजह यही सुनिश्चित करना है कि ऊंची आवाज किसी के लिए असुविधाजनक न हो.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि सऊदी मंत्रालय ने देश की मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स को लेकर कोई आदेश दिया. इस्लामिक मामलों को देखने वाले मंत्री ने अप्रैल 2019 में भी रमजान के महीने के दौरान मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स का वॉल्यूम नीचा रखने के लिए कहा था.
खुशदीप सहगल