कश्मीर मुद्दे और कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी के आरोपों में सजा सुनाए जाने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. इस बीच, गुरुवार को कुपवाड़ा में आर्मी बेस पर आतंकी हमले और घाटी में बढ़ी पत्थरबाजी को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ देश के लोगों में गुस्सा और बढ़ गया.
इस बीच, खबर आती है कि भारत के बड़े स्टील कारोबारी सज्जन जिंदल कुछ घंटों के लिए पाकिस्तान गए थे और नवाज शरीफ से उनकी मुलाकात होती है. अटकलें लगने लगी कि नवाज के करीबी रहे जिंदल वार्ता बहाली की कोशिशों के तहत पाकिस्तान गए थे. बाद में नवाज शरीफ की बेटी मरियम शरीफ का ट्वीट आता है और इन अटकलों को खारिज किया जाता है. इस मामले में अब सवाल उठने लगा है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता बहाली के लिए कोई ट्रैक-2 डिप्लोमेटिक कोशिशें जारी हैं?
पाकिस्तान में मचा सियासी बवाल
सज्जन जिंदल की यात्रा और नवाज से मुलाकात की खबर पाकिस्तानी मीडिया में छपने के बाद वहां सियासी बवाल मचा. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इस मामले में पंजाब असेंबली में एक प्रस्ताव पेश कर मुलाकात में हुई बात को सार्वजनिक करने की मांग की.
मरियम नवाज ने क्यों दी सफाई?
नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने ट्विटर पर सफाई दी- 'मिस्टर जिंदल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पुराने दोस्त हैं. इस मुलाकात में कुछ भी गोपनीय नहीं था, इसलिए इसे किसी खास संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए. शुक्रिया.'
कौन हैं सज्जन जिंदल?
सज्जन जिंदल भारत के बड़े स्टील कारोबारी और जिंदल समूह के चेयरमैन हैं. उन्हें नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ दोनों का करीबी माना जाता है और इस मुलाकात को उसी रूप में देखा जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दिसंबर 2014 में जब पीएम मोदी अचानक पाकिस्तान पहुंचे थे तब उनके प्रतिनिधिमंडल में सज्जन जिंदल भी शामिल थे. नवाज शरीफ से नजदीकी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 25 दिसंबर 2015 को सज्जन जिंदल ने एक फोटो ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिए लाहौर में हूं.
जाधव पर तनाव के बीच जून में मुलाकात का शिगूफा
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच गहराए तनाव के बीच हाल में पाकिस्तानी मीडिया ने पीएम मोदी और नवाज शरीफ को लेकर शिगूफा छोड़ा था. पाक मीडिया ने दावा किया था कि जून में कजाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित होने वाली शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष के बीच मुलाकात हो सकती है. इससे पहले अमेरिका ने भी दोनों देशों के बीच तनाव घटाने और बातचीत बहाली में कोशिश करने की बात कही थी. हालांकि, भारत ने मध्यस्थता की किसी भी कोशिश को सिरे से खारिज कर दिया था.
बेपटरी होती रही है शांतिवार्ता
भारत और पाकिस्तान के बीच शांति की कोशिशें आतंकी हमलों और कश्मीर को लेकर बेपटरी होती रही हैं. 1999 में दोनों देशों के बीच कारगिल युद्ध हो गया था. इसके बाद 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद भारत-पाक के बीच खटास बढ़ गई थी और युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे, लेकिन तभी तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ आगरा में आयोजित शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए. इसके बाद 2015 में मोदी और शरीफ ने रूस के उफा में मुलाकात कर सबको हैरान किया था. फिर अफगानिस्तान से लौटते वक्त पीएम मोदी अचानक पाकिस्तान पहुंच गए. बाद में उरी, पठानकोट हमलों ने दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की कोशिशों को फिर बेपटरी कर दिया. अब ताजा कोशिशों को लेकर अटकलें सामने आ रही हैं.
संदीप कुमार सिंह