Russia Ukraine war: रूस ने खत्म कर दी जंग तो भी यूक्रेन पर रहेगा 'रियल थ्रेट' का खौफ, जेलेंस्की के मंत्री ने बताई वजह

रूस और यूक्रेन की जंग थम जाने की स्थिति में भी यूक्रेनी सरकार के सामने कई चुनौतियां सिर उठाकर खड़ी होने वाली हैं. इनमें सबसे बड़ी चुनौती है बिना फटे गोलों और माइंस की तलाश कर डिफ्यूज करना.

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रूसी सेना ने लवीव शहर पर भी की बमबारी (फोटोः पीटीआई) रूसी सेना ने लवीव शहर पर भी की बमबारी (फोटोः पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST
  • बगैर फटे रह गए रूसी गोले खोजना यूक्रेन के लिए चुनौती
  • जेलेंस्की के मंत्री बोले- डिफ्यूज करने में कई साल लगेंगे

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब लंबी होती रही है. रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत के जरिये समाधान तलाशने की कोशिशें की जा रही हैं तो वहीं जंग खत्म होने की स्थिति में यूक्रेन पर रियल थ्रेट का खौफ भी रहेगा. इसकी वजह ये है कि यूक्रेन ने रूसी सेना को रोकने के लिए बड़ी तादाद में माइंस बिछा रखी हैं. रूस ने यूक्रेन के शहरों पर भारी गोलाबारी भी की है. ऐसे में यूक्रेन के सामने बड़ी चुनौती ये होगी कि युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसी मिसाइलों और अन्य विस्फोटकों की तलाश कर उन्हें निष्क्रिय किया जाए जिनमें विस्फोट नहीं हुआ है.

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यूक्रेन के गृह मंत्री डेनिस मोनास्टिरस्की (Denys Monastyrsky) ने ये कहा है कि रूसी हमले के दौरान बगैर विस्फोट वाले विस्फोटकों की तलाश कर उन्हें निष्क्रिय करने में कई साल का वक्त लगेगा. उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि युद्ध समाप्त होने के बाद देश को व्यापक स्तर पर इस अभियान के लिए पश्चिमी देशों की सहायता की जरूरत होगी.  

यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा है कि यूक्रेन में बड़ी संख्या में गोले दागे गए हैं जिनमें से तादाद ऐसे गोले की है जिनमें विस्फोट नहीं हुआ है. ऐसे काफी गोले मलबे के नीचे दबे हैं और ये हमारे देश के लिए रियल थ्रेट है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि ऐसे गोले खोजने और उन्हें डिफ्यूज करने में महीनों नहीं, कई साल लगेंगे. रूस के बिना फटे गोले तो खतरा हैं ही, यूक्रेन की सेना ने भी रूसी सेना को पुल, हवाई अड्डे और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने से रोकने के लिए लैंड माइंस लगाई हैं.

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डेनिस मोनास्टिरस्की (Denys Monastyrsky) ने कहा है कि हम हर क्षेत्र से माइंस हटाने में सक्षम नहीं होंगे. इसके लिए लिए अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों, यूरोपीय संघ, अमेरिका से इनकी तलाश कर नष्ट करने वाले विशेषज्ञों का समूह तैयार करने के लिए कहा है. उन्होंने ये भी कहा कि रूस की ओर से की जा रही गोलाबारी के बीच आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. आग लगने की घटनाओं से निपटने के उपकरणों और कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है.

रूसी सेना ने लवीव शहर पर किया हमला

रूसी सेना ने पश्चिमी यूरोप के लवीव शहर पर भी हमला कर दिया है. लवीव शहर युद्धग्रस्त यूक्रेन छोड़कर अन्य देशों में पलायन कर रहे नागरिकों के साथ ही विदेशी सहायता के लिए प्रवेश द्वार की तरह है. मारियूपोल थिएटर में रूसी हवाई हमले के बाद रेस्क्यू जारी है. अब तक 130 लोगों को बचाया जा चुका है जबकि सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं. दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मॉस्को में एक बड़ी देशभक्ति रैली में पहुंचे और अपनी सेना की जमकर तारीफ की. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चीन से रूस की सहायता नहीं करने के लिए कहा है.

यूक्रेन के 65 लाख लोग हुए विस्थापित

युद्धग्रस्त यूक्रेन के करीब 65 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. अनुमानों के मुताबिक करीब 32 लाख लोग पहले ही यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं. वहीं, संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम डिप्टी अम्बेसडर डीमित्री पॉलिंस्की (Dmitry Polyansky) ने मारियूपोल शहर के एक मैटरनिटी अस्पताल को लेकर एक ट्वीट के बाद ट्विटर पर खाता ब्लॉक करने का आरोप लगाया है. पॉलिंस्की ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि ट्विटर की ओर से उनको 7 मार्च को दी गई एक चेतावनी का भी हवाला दिया.

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फ्रांस के राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर ने की पुतिन से बात

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है. फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मैक्रों ने पुतिन से करीब 70 मिनट तक बात की और इस दौरान मारियूपोल की घेराबंदी हटाने, मानवीय मदद पहुंचाने की छूट देने और तत्काल सीजफायर की मांग की. जर्मन चांसलर ने भी पुतिन पर सीजफायर के लिए दबाव बनाया.

 

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