दुश्मनी छोड़ बातचीत करें रूस-यूक्रेन....नीदरलैंड के प्रधानमंत्री से बोले PM Modi

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब अपने चरम पर पहुंच गया है. इस बीच पीएम मोदी ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री रूटे से फोन पर बात की है. दोनों नेताओं ने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की है.

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पीएम नरेंद्र मोदी पीएम नरेंद्र मोदी

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST
  • मोदी बोले- यूक्रेन में फंसे लोगों की कर रहे मदद
  • नीदरलैंड पीएम को दिया देश आने का निमंत्रण

रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है. अभी भी स्थिति बद से बदतर की ओर जाती दिख रही है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने अब नीदरलैंड के पीएम Mark Rutte से फोन पर बात की है. बातचीत में वर्तमान संकट पर विस्तार से चर्चा की गई.

पीएम मोदी ने कहा है कि दुश्मनी को समाप्त कर एक बार फिर बातचीत के रास्ते पर आना ही पड़ेगा. उनकी माने तो रूस और यूक्रेन का बातचीत की टेबल पर आना एक स्वागत योग्य कदम है और इसी से जल्द कोई समाधान निकाला जा सकता है. इसके अलावा पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय और उनके रेस्कयू को लेकर भी नीदरलैंड के नेता से चर्चा की. उन्होंने बताया कि भारत की तरफ से यूक्रेन में बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पीड़ित लोगों की मदद भी की जा रही है और उन्हें हर जरूरी सामान मुहैया करवाया जा रहा है.

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इस सब के अलावा बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने नीदरलैंड प्रधानमंत्री संग अपनी पुरानी मुलाकात को भी याद किया. उन्होंने बोला कि मुझे पिछले साल अप्रैल में हुए वर्चुअल समिट वाली मुलाकात याद है. मैं अब आप से जल्द से जल्द भारत में मिलना चाहता हूं. अब पीएम Mark Rutte ने पीएम के आमंत्रण पर क्या जवाब दिया है, ये अभी सामने नहीं आया है.

वैसे इससे पहले भी पीएम मोदी की तरफ से कई नेताओं से फोन पर बात की गई थी. जब से ये युद्ध शुरू हुआ है, मोदी द्वारा कई नेताओं से संपर्क साधा गया है. उनकी दो बार रूसी राष्ट्रपति से बात हो चुकी है तो वहीं दो बार उन्होंने यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी संपर्क साधा है. हर बातचीत में उनका सिर्फ एक ही मंत्र रहा है- कूटनीति के जरिए समाधान.

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अब इस मंत्र पर कुछ हद तक अमल होता दिख रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की बातचीत होने वाली है. दोनों देश एक बार फिर बातचीत की टेबल पर अपने मतभेद रखने वाले हैं. समाधान निकलेगा, कहा नहीं जा सकता लेकिन हर मुद्दे पर खुलकर बातचीत जरूर होती दिख जाएगी. अभी के लिए ना रूस पीछे हटने को तैयार है और ना ही यूक्रेन हार मानने वाला है.

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