Russia-Ukraine War: 'बस-ट्रेन ना मिले तो पैदल ही खारकीव से निकलें', नागरिकों को MEA की सलाह

Russia-Ukraine War: रूसी हमलों से खारकीव में हालात काफी खराब होते जा रहे हैं. रूसी क्रूज मिलाइलें और बमबारी खारकीव में सरकारी इमारतों और स्कूलों को भी निशाना बना रही हैं. ऐसे में भारतीय छात्रों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए MEA ने नई एडवाइजरी जारी कर दी है.

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इंडियन स्टूडेंट्स को जल्द से जल्द खारकीव छोड़ने की सलाह दी गई है इंडियन स्टूडेंट्स को जल्द से जल्द खारकीव छोड़ने की सलाह दी गई है

गौरव सावंत / गीता मोहन

  • कीव,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST
  • 15 हजार से ज्यादा लोग मेट्रो शेल्टर में छिपे
  • इंडियन स्टूडेंट को खारकीव छोड़ने की सलाह

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच आज जंग का सातवां दिन है. जंग में कीव और खारकीव थर्रा चुके हैं. आज खारकीव में रूसी सेना ने क्रूज मिसाइल से हमला किया. इसमें एक स्कूल को भी निशाना बनाया गया है. इसी बीच भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में फंसे इंडियन स्टूडेंट के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है. 

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कीव मीडिया के मुताबिक फिलहाल कीव मेट्रो शेल्टर में करीब 15,000 से ज्यादा लोग हवाई हमलों से बचने के लिए छिपे हुए हैं. वहीं विदेश मंत्रालय की ओर से भी कहा गया है कि अगर बस या ट्रेन न मिले, तो पैदल ही खारकीव से निकलना शुरू कर दें.

रूस से सटा हुआ है खारकीव 

वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय की ओऱ से जारी एडवाइजरी में ये बात साफ तौर पर कही गई है कि भारतीय छात्र पिसोचिन, बाबाई और बेज्ल्यूदिवका के लिए रवाना हों. दरअसल, खारकीव यूक्रेन का ईस्टर्न पार्ट है, जो कि रूस से सटा हुआ है. ऐसे में रूसी सेना लगातार खारकीव को निशाना बना रही है.

वाहनों का इंतजार न करें

ऐसे में सबसे बड़ी समस्या इस बात की है कि वहां से निकलने के लिए कोई भी ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है. ऐसे में कहा गया है कि इन तीन शहरों में पहुंचें. इसके लिए अगर कोई वाहन न मिले तो इंतजार न करें, पैदल ही वहां से निकलना शुरू कर दें.

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रूस का डटकर सामना करेंगे

बता दें कि कीव मेट्रो के चीफ विक्टर ब्राहिंस्की ने बताया कि अंडर ग्राउंड मेट्रो में एक लाख लोग रह सकते हैं. स्टेशनों के पास उनके लिए पानी, स्नानघर, भोजन और दवा की सुविधा की गई है. वहीं कीव में जेसीबी से ट्रेंचेस बनाने का काम जारी है. ताकि वहां के लोगों को बचाया जा सके. लोगों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह रूसी सेना का डटकर सामना करेंगे. रूस को आगे नहीं बढ़ने देंगे.

(राजेश पवार के इनपुट के साथ)

 

 

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