यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार रात को ऐलान किया कि उनकी सेनाओं ने दक्षिणी यूक्रेन के दो कस्बों पर दोबारा नियंत्रण कर लिया है. यूक्रेन लगातार दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में अपने शहरों पर दोबारा कब्जा जमाता जा रहा है. जेलेंस्की का दावा है कि उनकी सेना ने खेरसन के दो इलाकों पर भी कब्जा कर लिया.
यूक्रेन की सेनाओं के इस पलटवार से यह संभावना बढ़ रही है कि डोनबास के कई शहरों पर वह जीत की ओर बढ़ रही है.
जेलेंस्की ने रविवार रात को बताया कि यूक्रेन की सेना ने खेरसान क्षेत्र के अरखानहेल्स्के (Arkhanhelske) और मायरोलीबीविका (Myrolyubivka) की छोटी बस्तियों पर नियंत्रण पा लिया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना की सफलता दोनेत्स्क के लाइमैन (Lyman) पर दोबारा कब्जे तक सीमित नहीं है. खेरसन के कई इलाकों पर दोबारा नियंत्रण कर लिया गया है.
रूस की ओर से लड़ रहे चेचेन कमांडर ने दी परमाणु हमले की धमकी
रूस के चेचन्या क्षेत्र के प्रमुख रमजान कादिरोव ने परमाणु हमले की सुगबुगाहट को हवा दे दी है. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन से रूस को मिल रहे लगातार झटकों के बाद रूस को कम क्षमता के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने पर विचार करना चाहिए.
पूर्वी यूक्रेन के लाइमैन के रूस के चंगुल से बाहर निकलने पर कादिरोव ने इसके लिए शीर्ष कमांडर्स पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, मेरी निजी राय में इस दिशा में और महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए. सीमावर्ती इलाकों में मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की जानी चाहिए और कम क्षमता के परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
बता दें कि दुनिया में रूस के पास सबसे बड़े परमाणु हथियारों का जखीरा है, जिसमें कम क्षमता के परमाणु हथियार भी हैं. कादिरोव के अलावा रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने भी सुझाव दिया कि रूस को यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए.
रूस, यूक्रेन युद्ध में चेचन्या लड़ाकों की भूमिका
यूक्रेन युद्ध में चेचन्या लड़ाके बड़े जोर-शोर से मोर्चा संभाले हुए हैं. रूस की सेना में इन चेचन्या लड़ाकों की बड़ी अहम भूमिका है. खुद कादिरोव को पुतिन का करीबी समझा जाता है. पुतिन ने ही 2007 में कादिरोव को चेचन्या की बागडोर सौंपी थी.
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