तुर्की ने चार साल बाद अब सऊदी अरब से रिश्ते सुधारने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप अर्दोगन दो दिवसीय दौरे पर सऊदी पहुंचे हैं. उन्होंने यहां सऊदी के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज से मुलाकात की. दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और काफी देर तक बातचीत की. अर्दोगन की क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी मुलाकात हुई है.
अर्दोगन ने कहा कि मेरी यात्रा हमारे दोनों सहयोगी देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करने की साझा इच्छा का प्रतीक है. हम राजनीति, सेना, अर्थव्यवस्था और संस्कृति समेत सभी क्षेत्रों में बेहतर संबंधों के एक नए युग को शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.
2018 में खशोगी की हत्या के बाद बिगड़ गए थे रिश्ते
बता दें कि 2018 में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. खशोगी सऊदी सरकार का खुलकर विरोध करते थे. इस घटना को लेकर तुर्की ने सऊदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा तो सऊदी अरब ने अनाधिकारिक तौर पर तुर्की से आयात रोक दिया था.
कूटनीतिक तौर पर जरूरी हो गए थे संबंध सुधारना
अब हाल में तुर्की की आर्थिक व्यवस्था संकट में है. लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में तुर्की सरकार ने खशोगी हत्याकांड के संबंध में अपनी जांच सऊदी अरब को सौंपने का फैसला किया है. हालांकि, वहां विपक्षी दल इस फैसले से नाराज हैं और सरकार को निशाना बना रहे हैं. जानकारों और राजनयिकों का कहना है कि कूटनीतिक रूप से तुर्की के अलग थलग हो जाने के कारण संबंधों को सुधारना जरूरी हो गया था.
2017 के बाद पहली बार सऊदी पहुंचे अर्दोगन
पत्रकार जमाल खशोगी की तुर्की में हत्या से एक साल पहले 2017 में तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन ने सऊदी दौरा किया था. अब पांच साल बाद पहली बार सऊदी की यात्रा पर पहुंचे हैं. अर्दोगन का यह दौरा अपने प्रमुख क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी के साथ अंकारा के पुल निर्माण के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है.
भाईचारे के बंधन को मजबूत करेगी यात्रा
गुरुवार शाम को मक्का के गवर्नर ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन का जेद्दा शहर (Red Sea city of Jiddah) में हवाई अड्डे पर स्वागत किया. अर्दोगन के साथ उनकी पत्नी भी सऊदी दौरे पर आई हैं. इससे पहले अर्दोगन ने कहा था कि उनकी दो दिवसीय यात्रा दो भाई देशों के रूप में सहयोग की एक नई यात्रा शुरू करने की सामान्य इच्छा को दर्शाती है. खास है कि यह मुलाकात मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के अंतिम सप्ताह में होने जा रह है, जो भाईचारे के बंधन को मजबूत करेगी.
मक्का भी जा सकते हैं तुर्की प्रेसीडेंट
अर्दोगन ने कहा- हम अपने क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने, बातचीत और कूटनीति के जरिए समस्याओं को हल करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं. अर्दोगन के रमजान की अंतिम रात तक इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल पर नमाज के लिए मक्का जाने की भी उम्मीद है.
तुर्की के राजनयिक संबंध दो दशकों में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. देश आर्थिक संकट झेल रहा है. पहले COVID-19 महामारी और अब यूक्रेन में युद्ध से हालात बिगड़ गए हैं. आधिकारिक मुद्रास्फीति 61% है, जबकि राष्ट्रीय मुद्रा लीरा 2021 में डॉलर के मुकाबले 44% गिर गई है. इस महीने की शुरुआत में खशोगी की हत्या मामले की जांच सऊदी अरब को ट्रांसफर करने के फैसले ने तुर्की-सऊदी संबंधों को फिर से नई शुरुआत दी है.
सऊदी प्रिंस पर लगे थे आरोप
अमेरिकी इंटेलीजेंस एसेसमेंट के अनुसार, इस्तांबुल में सऊदी के वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या ने ग्लोबल तौर पर नाराजगी फैलाई और सऊदी प्रिंस पर दबाव डाला. जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने खशोगी को मारने या पकड़ने के लिए ऑपरेशन को मंजूरी दी थी. इसके साथ ही प्रिंस ने उस ऑपरेशन के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया था. वहीं, अर्दोगन ने प्रिंस का नाम नहीं लेते हुए कहा था कि हत्या को अंजाम देने का आदेश सऊदी सरकार के "हाईलेवल" से आया है. तुर्की के अधिकारियों ने वेस्टर्न इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट और संयुक्त राष्ट्र के एक इंस्वेटिगेटर के साथ हत्या का ऑडियो भी शेयर किया है.
खशोगी की मंगेतर की अर्जी खारिज
बताते चलें कि सऊदी अरब की एक कोर्ट ने ऑपरेशन की निगरानी करने वाले अधिकारियों को बरी कर दिया. जबकि पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई. इस बीच, तुर्की ने सऊदी के 26 संदिग्धों के खिलाफ केस शुरू किया था. 7 अप्रैल को मामले को सऊदी अरब में ट्रांसफर कर दिया गया. सरकार की ओर से कहा गया कि संदिग्धों को गिरफ्तार करने या बयान लेने की कोई संभावना नहीं है. खशोगी की तुर्की में रहने वाली मंगेतर हैटिस केंगिज ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन एक प्रशासनिक अदालत ने पिछले हफ्ते उनकी अपील को खारिज कर दिया.
कूटनीतिक तौर पर रिश्ते सुधार रहा तुर्की
पिछले एक साल में अंकारा ने वर्षों के विरोध के बाद मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए कूटनीतिक तौर पर नई शुरुआत की है. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन द्वारा प्रतिबंध हटाने से कतर के साथ सुलह का मार्ग प्रशस्त हुआ. हालांकि तुर्की के साथ संबंधों में खटास बनी रही. पिछले महीनों में तुर्की ने कतर, चीन और दक्षिण कोरिया के साथ समझौते किए. इसके साथ ही अबू धाबी के साथ 4.9 बिलियन डॉलर की डील फाइनल की. यूएई ने तुर्की में निवेश करने के लिए $10 बिलियन इंवेस्टमेंट की घोषणा की थी.
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