सिंगापुर में रह रहे भारतीय इन दिनों नस्लीय टिप्पणी और हिंसा की घटनाओं का शिकार बन रहे हैं. इस बीच सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी के मामले में वहां के कानून और गृह मामलों के मंत्री के शनमुगम ने बयान दिया है. उन्होंने घटना को अस्वीकार्य और चिंताजनक करार दिया. उनका का कहना है कि सिंगापुर के निवासियों का एक छोटा हिस्सा स्थानीय और प्रवासी भारतीयों के खिलाफ उसी तरह से नस्लवाद बो रहा है, जैसे अमेरिका में एशियाई लोगों से भेदभाव किया जा रहा है.
शनमुगम ने कहा कि सिंगापुर में एक छोटा वर्ग प्रवासी भारतीयों के खिलाफ नस्लवाद बो रहा है. हमारी सरकार इसे लेकर चिंतित है कि नस्लवादी केस सिंगापुर में भी हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि जब नस्लवाद या पूर्वाग्रह के किसी भी रूप की बात आती है तो सिंगापुर बहुत उच्च मानक स्थापित करता है. सिंगापुर देश का निर्माण बहुसांस्कृतिक जातीयता के आधार पर हुआ था.
बताया गया कि 60 के दशक में हिंसक नस्लीय दंगों के तुरंत बाद पारित किए गए कड़े कानूनों के कारण सिंगापुर जैसे देश में नस्लवाद के ऐसे कृत्य बहुत कम देखने को मिलते हैं. लेकिन, किसी भी समाज की तरह यहां भी अपवाद मौजूद हैं.
सिंगापुर सरकार में मंत्री शनमुगम ने कहा कि उन्हें लगता था कि नस्लीय सहनशीलता और सौहार्द के मामले में हमारा देश सही दिशा में जा रहा है, लेकिन हालिया घटनाओं के मद्देनजर वह इस बात को लेकर बहुत निश्चिंत नहीं हैं.
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से कोविड के प्रकोप और अर्थव्यवस्था की मंदी के बाद, स्थानीय सिंगापुर की आबादी के एक छोटे तबके को लगता है कि यहां विदेश से आए और भारतीय लोग उनकी नौकरियां ले रहे हैं.
(रिपोर्ट- Saikiran Kannan)
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