अंतिम भाषण के बाद शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का समापन हो गया है.
China SCO Summit LIVE: चीन के तियानजिन शहर में SCO समिट संपन्न हो गया है. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. यह वार्ता तियानजिन के होटल रिट्ज कार्लटन में हुई. इसमें दोनों नेता अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे. पीएम मोदी एससीओ समिट और वार्ताओं के बाद दिल्ली के रवाना हो गए हैं.
पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता ऐसे समय में हुई, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर दबाव बनाया जा रहा है. इसके लिए भारत पर पेनल्टी के तौर पर 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया गया है और भारतीय व्यापारियों को कुल 50% टैरिफ सामना करना पड़ रहा है.
तियानजिन में बीते दिन पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की थी और जिनपिंग ने "हाथी-ड्रैगन" के साथ आने पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी के चीन दौरे से जुड़े सभी लाइव अपडेट्स आप aajtak.in पर देख सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरान संपन्न हो गया है. वह तियानजिन में आयोजित एससीओ समिट के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इसके बाद प्रधानमंत्री दिल्ली के रवाना हो गए हैं. शाम तक दिल्ली पहुंच जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 40 मिनट तक बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों समेत कई अहम पहलुओं पर चर्चा की.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने 'प्रिय मित्र' कहकर संबोधित किया. जवाब में पीएम मोदी ने भी अपने प्रिय मित्र पुतिन से कहा कि "मैं हमेशा महसूस करता हूं कि आपसे मिलना एक यादगार अनुभव होता है." पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच "विशेष और रणनीतिक साझेदारी" लगातार समृद्ध हो रही है और दोनों देशों के रिश्ते मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बात की. उन्होंने कहा कि हम लगातार यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर चर्चा कर रहे हैं. हाल के सभी शांति प्रयासों का हम स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ेंगे. इस संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा. यह पूरी मानवता की मांग है.
बैठक में मौजूद रहे अधिकारी
हिरेन जोशी, पीएम के संचार मामलों के ओएसडी.
दीपक मित्तल, अतिरिक्त सचिव पीएमओ.
अजीत डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार.
विक्रम मिसरी, विदेश सचिव.
रंधीर जैसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने लाओस को डायलॉग पार्टनर के रूप में स्वीकार करने पर सहमति जताई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक में कहा कि भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करता है और इस लक्ष्य को पाने के लिए रास्ते तलाशे जाने चाहिए. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और रूस के बीच करीबी सहयोग वैश्विक स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के हालिया प्रयासों का स्वागत करता है और इस दिशा में रास्ते तलाशने होंगे. पीएम मोदी ने दिसंबर में होने वाले रूस-भारत शिखर सम्मेलन में पुतिन की मौजूदगी का इंतजार करने की बात कही.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि भारत और रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रयासों का करीबी समन्वय कर रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति ने बैठक में कहा उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर अच्छा लगा. ट्रंप के दबावों के बीच उन्होंने कहा कि भारत-रूस के रिश्ते सिद्धांतों के आधार पर बढ़ते रहेंगे.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस-भारत संबंध विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के सिद्धांतों पर सक्रिय रूप से विकसित हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हो रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीद को लेकर बनाए जा रहे दबाव के बीच हो रही यह वार्ता काफी अहम है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है और इस पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड्स स्वीकार्य नहीं होंगे. पीएम मोदी ने बताया कि भारत पिछले चार दशकों से निर्मम आतंकवाद का दंश झेल रहा है. अपने संबोधन में उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम हमले का भी उल्लेख किया. यहां सुनें पीएम मोदी का पूरा संबोधन...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तियानजिन के होटल रिट्ज कार्लटन पहुंचे हैं. दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक जल्द ही शुरू होने वाली है. बैठक कक्ष राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के लिए तैयार है.
एससीओ समिट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही कार में निकले. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. दोनों नेता ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने कार में सफर की तस्वीर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर की है.
एससीओ के सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के साथ-साथ ड्रग्स, हथियारों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के अन्य रूपों के खिलाफ संयुक्त लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया.
एससीओ देशों ने एकजुटता दिखाई कि आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंड स्वीकार्य नहीं होंगे. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुरूप, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति को लागू करते हुए सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक कन्वेंशन को आम सहमति से अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम, 11 मार्च को जाफ़र एक्सप्रेस और 21 मई को खुजदार में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की.
घोषणापत्र में दोहराया गया कि आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी समूहों का स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अस्वीकार्य है और इनसे निपटने में संप्रभु राज्यों और उनकी संस्थाओं की भूमिका सबसे अहम है.
घोषणा पत्र में "एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य" थीम का जिक्र किया गया.
सदस्य देशों ने 3-5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 5वें एससीओ स्टार्टअप फोरम के परिणामों का स्वागत किया, जिसने विज्ञान, तकनीकी उपलब्धियों और इनोवेसन के क्षेत्र में सहयोग को गहरा किया.
सदस्य देशों ने 21-22 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 20वें एससीओ थिंक टैंक फोरम का भी जिक्र किया. उन्होंने भारतीय विश्व मामलों की परिषद (ICWA) के एससीओ अध्ययन केंद्र की सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करने में योगदान की सराहना की.
एससीओ के सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. एससीओ ने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की और कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और जोर दिया कि आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी समूहों का किसी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अस्वीकार्य है. उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने में संप्रभु राज्यों और उनकी संस्थाओं की अग्रणी भूमिका को मान्यता दी.
सदस्य देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि आतंकवाद, खासकर सीमा पार आतंकवाद से लड़ने में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका होनी चाहिए.
चीन के तियानजिन में एससीओ समिट संपन्न हो गया है. सत्र के दौरान तमाम सदस्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेताओं ने अपना संबोधन दिय. पीएम मोदी ने खासतौर से आतंकवाद का मुद्दा उठाया. समिट संपन्न होने के बाद अब घोषणा पत्र भी जारी कर दिया गया है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात शामिल की गई है.
अंतिम भाषण के बाद शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का समापन हो गया है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत आज भी सत्य और अडिग हैं. पुतिन ने कहा कि एससीओ दुनिया में वास्तविक बहुपक्षवाद की स्थापना के लिए एक शक्तिशाली इंजन है.
राष्ट्रपति पुतिन ने यूरोसेंट्रिक और यूरो-अटलांटिक मॉडल को अप्रचलित करार दिया. पुतिन ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन में संकट रूस के हमले से नहीं बल्कि पश्चिम द्वारा उकसाए गए कीव में तख्तापलट के कारण उत्पन्न हुआ.
पुतिन ने उम्मीद जताई कि अलास्का में बनी "समझौतें" यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करेंगी. साथ ही, उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ हुई बैठक के नतीजों के बारे में वे अपने एससीओ सहयोगियों को जानकारी देंगे.
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन संकट के मूल कारणों को समाप्त किया जाना चाहिए और सुरक्षा क्षेत्र में संतुलन बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी घोषणा की कि एससीओ के शासनाध्यक्षों की बैठक नवंबर में मॉस्को में आयोजित की जाएगी.
पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन संकट को सुलझाने में चीन, भारत और अन्य साझेदार देशों के प्रयासों को बेहद महत्व देते हैं.
PM मोदी ने कहा कि आज भारत "Reform, Perform and Transform" के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है. कोविड हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है. व्यापक सुधारों पर लगातार काम किया जा रहा है, जिससे देश में विकास के नए अवसर खुल रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी बढ़ रहा है. उन्होंने सभी देशों को भारत की विकास यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि एससीओ भी समय के साथ आगे बढ़ रहा है. संगठित अपराध, ड्रग तस्करी और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए चार नए केंद्र बनाए जा रहे हैं. भारत इस सुधारवादी सोच का स्वागत करता है.
एससीओ सदस्य देश वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम मिलकर यूएन सुधार की मांग उठा सकते हैं. PM मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद करना आने वाली पीढ़ियों के साथ गंभीर अन्याय है.
PM मोदी ने कहा कि हम नई पीढ़ी के रंगीन सपनों को पुरानी काले-सफेद स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते. स्क्रीन बदलनी होगी. एससीओ बहुपक्षवाद और समावेशी विश्व व्यवस्था का मार्गदर्शक बन सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि अवसर का मतलब सहयोग और सुधार दोनों है. 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान एससीओ में नई ऊर्जा और विचार लाए गए. स्टार्ट-अप्स और इनोवेशन, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध धरोहर जैसे नए विषयों को सहयोग में शामिल किया गया.
भारत का प्रयास रहा कि एससीओ सिर्फ सरकारों तक सीमित न रहे बल्कि आम लोगों, युवा वैज्ञानिकों, विद्वानों और स्टार्ट-अप्स तक पहुंचे. लोगों के बीच संपर्क को और मजबूत करने के लिए मोदी ने सुझाव दिया कि एससीओ के तहत एक "सभ्यतागत संवाद मंच" बनाया जाए, जहां प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को वैश्विक मंच पर साझा किया जा सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि मजबूत कनेक्टिविटी सिर्फ व्यापार ही नहीं बल्कि विश्वास और विकास के दरवाजे भी खोलती है. इसी सोच के साथ भारत चाबहार पोर्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर जैसी पहलों पर काम कर रहा है. इनके जरिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया से कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है.
भारत का मानना है कि हर कनेक्टिविटी के प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए. यह एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों में भी शामिल है. ऐसी कनेक्टिविटी, जो संप्रभुता को दरकिनार करे, वह विश्वास और महत्व दोनों खो देती है.
पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश के विकास का आधार सुरक्षा, शांति और स्थिरता है. लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं. आतंकवाद किसी एक देश की सुरक्षा चुनौती नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है. कोई भी देश, कोई भी समाज और कोई भी नागरिक इससे सुरक्षित नहीं रह सकता.
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एकता पर जोर दिया है. एससीओ-आरएटीएस (SCO-RATS) ने इस दिशा में अहम योगदान दिया है. इस वर्ष भारत ने "अल-कायदा" और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान की अगुवाई की. हमने कट्टरपंथ से निपटने और समन्वय बढ़ाने के लिए संयुक्त कदमों का प्रस्ताव रखा. साथ ही, आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ भी आवाज उठाई और इस पर मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया.
PM मोदी ने याद दिलाया कि भारत पिछले चार दशकों से निर्दयी आतंकवाद का शिकार रहा है. कई माताओं ने अपने बच्चों को खोया है और अनेक बच्चे अनाथ हुए हैं. हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का घृणित रूप सामने आया. इस कठिन समय में साथ खड़े मित्र देशों का आभार प्रकट किया गया. उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ भारत की अंतरात्मा पर चोट नहीं बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और हर व्यक्ति के लिए एक चुनौती है.
मोदी ने सवाल किया कि क्या कुछ देशों द्वारा खुलेआम आतंकवाद को समर्थन देना हमारे लिए स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा. सभी देशों को आतंकवाद के हर रूप और रंग का मिलकर विरोध करना होगा. यह हमारा मानवता के प्रति कर्तव्य है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 24 वर्षों में एससीओ ने पूरे यूरेशिया क्षेत्र को एक परिवार की तरह जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका निभाई है. भारत की सोच और नीति तीन स्तंभों पर आधारित है – S (Security), C (Connectivity), O (Opportunity).
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद हमारी क्षेत्रीय शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. भारत ने हमेशा सीमा पार आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस दृष्टिकोण की वकालत की है.
भारत ने एससीओ स्तर पर आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ से निपटने के लिए एक ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें हमारे डी-रेडिकलाइजेशन कार्यक्रमों को शामिल किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमें साइबर आतंकवाद और ड्रोन जैसे नए उभरते खतरों का भी सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि एससीओ ने अपनी मजबूती साबित की है.
भारत क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (RATS), आर्थिक संपर्क पहल और सांस्कृतिक संवादों के माध्यम से आतंकवाद विरोधी प्रयासों में हुई प्रगति की सराहना करता है.
क्रेमलिन ने एक फुटेज जारी किया है जिसमें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यों ने शिखर सम्मेलन में पारंपरिक सामूहिक तस्वीर क्लिक कराईं. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिगं ने सभी सदस्य देशों का स्वागत किया और सभा को संबोधित किया.
एससीओ देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच रही है और संगठन का वैश्विक आर्थिक प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. शी जिनपिंग ने जल्द से जल्द एक एससीओ डेवलपमेंट बैंक बनाने और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक नए केंद्र की स्थापना की अपील की.
चीन का निवेश एससीओ सदस्य देशों में पहले ही 84 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है. शी ने कहा कि सभी एससीओ सदस्य देश "मित्र और साझेदार" हैं. चीनी राष्ट्रपति ने सदस्य देशों से आह्वान किया कि वे आपसी मतभेदों का सम्मान करें, रणनीतिक संवाद बनाए रखें, सहमति बनाएं और एकजुटता को मजबूत करें. शी के अनुसार, संयुक्त सहयोग से सभी संस्कृतियां "समृद्धि और सद्भाव में फल-फूल सकती हैं".
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करना हमेशा एक सुखद अनुभव होता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तियानजिन में बातचीत का सिलसिला जारी है. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया.
25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अनौपचारिक बातचीत करते हुए देखा गया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के उद्घाटन में कहा कि संगठन के सदस्य देशों को गुटबाजी और धमकियों का डटकर विरोध करना चाहिए. शी जिनपिंग ने वैश्विक व्यवस्था में जारी 'धौंसपट्टी' और दबाव बनाने की प्रवृत्ति की कड़ी आलोचना की.
शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. शी जिनपिंग ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने क्षेत्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य अस्थिर और अशांत बना हुआ है.
शी जिनपिंग ने भरोसा दिलाया कि चीन सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर एससीओ को विकास के नए चरण में ले जाएगा. उन्होंने कहा कि हम न्याय और निष्पक्षता का समर्थन करते हैं और वर्चस्ववाद और पावर पॉलिटिक्स का विरोध करते हैं.
चीन के राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र की रक्षा की जानी चाहिए और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की मूल भावना को सुरक्षित रखना जरूरी है. उन्होंने घोषणा की कि चीन जरूरतमंद एससीओ सदस्य देशों में लोगों की आजीविका सुधारने के लिए 100 छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स शुरू करेगा.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को ऐलान किया कि चीन इस साल शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के सदस्य देशों को 2 बिलियन युआन यानी करीब 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ग्रांट देगा. यह मदद सदस्य देशों की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए होगी. इस घोषणा को चीन के क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतन एससीओ के मंच पर एक साथ नजर आए हैं. तीनों नेता आपस में बात करते देखे गए. इस दौरान तीन देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली. मसलन, ये तीन देश आपस में सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.
रविवार को पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी. अब सोमवार को सुबह 7:30 से 9:10 बजे तक SCO लीडर्स की मीटिंग होगी, जिसमें सभी सदस्य देश साझा हितों और चुनौतियों पर चर्चा करेंगे. इसके बाद 9:45 से 10:30 बजे तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. फिर 11:10 बजे प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के लिए रवाना होंगे.