पेरू के राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को पद से हटाया, पहली बार महिला राष्ट्रपति को मिली कमान

पेरू के राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को महाभियोग के जरिए पद से हटाए जाने के बाद डीना बोलुआर्टे के रूप में देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिल गई हैं. कैस्टिलो पर आरोप है कि उन्होंने संसद भंग करने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें महाभियोग के जरिए हटा दिया गया.

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पेरू में राजनीतिक अस्थिरता पेरू में राजनीतिक अस्थिरता

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

पेरू में पिछले कुछ समय से जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. पेरू कांग्रेस ने राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को पद से हटा दिया है. उनकी जगह उपराष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे को देश का अगला राष्ट्रपति बनाया गया है. वह पेरू के लोकतांत्रिक इतिहास में राष्ट्रपति पद संभालने वाली पहली महिला बन गई हैं. 

पेड्रो ने देश में संसद को भंग करने और इमरजेंसी सरकार बनाने की कोशिश की थी, जिसके बाद पेरू कांग्रेस ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटा दिया. 

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पेरू की 130 सदस्यीय कांग्रेस में राष्ट्रपति पेड्रो को पद से हटाने के लिए 101 विधायकों ने वोटिंग की. वोटिंग के दौरान महाभियोग के पक्ष में 101 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ सिर्फ छह वोट पड़े. वहीं, 10 सांसदों ने इस प्रक्रिया से दूरी बनाए रखी.

इसके बाद पेड्रो ने आधीरात में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वह बेहद ईमानदार शख्स हैं और उनकी ईमानदारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता. उन्होंने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से भी इनकार किया है.

बता दें कि पेरू की राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डीना देश की उपराष्ट्रपति थीं. डीना बोलुआर्टे जुलाई 2026 तक इस पद पर रहेंगी. उन्होंने शपथ लेने के बाद देश को इस संकट से उबरने के लिए राजनीतिक संधि का आह्वान किया. 

कैसे शुरू हुआ विवाद?

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पेड्रो कैस्टिलो ने बुधवार को नाटकीय ढंग से देश के नाम संबोधन में ऐलान किया था कि वह देश में इमरजेंसी लगाने जा रहे हैं. उन्होंने ऐलान किया था कि वह विपक्षी दलों के वर्चस्व वाली कांग्रेस को भंग कर देंगे. उनकी इस घोषणा से हर कोई हैरान था. इसके विरोध में कई मंत्रियों ने पद से इस्तीफा भी दे दिया था. 

संवैधानिक अदालत के प्रमुख ने उनके इस फैसले की निंदा की थी जबकि अमेरिका ने कैस्टिलो से आग्रह किया था कि वह अपने इस फैसले को वापस ले लें. लेकिन कैस्टिलो की इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही विपक्षी पार्टियों ने एक आपात बैठक बुलाई और उनके खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला किया. 

पेरू में राजनीतिक अस्थिरता

पेरू में 2016 के बाद से ही राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. बीते कुछ सालों में कई राष्ट्रपतियों ने पद्भार संभाला. 2020 में पांच दिनों के भीतर ही तीन राष्ट्रपतियों ने शपथ ली थी. 

शिक्षक रह चुके कैस्टिलो जून 2021 में बहुत ही ध्रुवीकृत चुनाव के तहत चुनकर सत्ता में आए थे. उन्होंने इस दौरान दक्षिणपंथी केइको फुजीोरी को हरा दिया था. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं. 

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