भ्रष्टाचार के आरोप में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति बर्खास्त

भ्रष्टाचार में पार्क और उनकी करीबी दोस्त चोई सून-सिल के लिप्त होने की बात सामने आई थी. इसके अलावा पार्क को न सिर्फ बतौर राष्ट्रपति मिलने वाले विशेषाधिकारों से वंचित कर दिया गया है, बल्कि अब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा भी चलाया जाएगा. इससे पहले दिसंबर में मामले को लेकर पार्क को राष्ट्रपति के कामकाज से दूर कर दिया गया था और उनका कार्यभार देश के प्रधानमंत्री को सौंप दिया गया था.

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दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति

सना जैदी

  • सियोल,
  • 10 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

भ्रष्टाचार के आरोप में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को देश की शीर्ष संवैधानिक अदालत ने बर्खास्त कर दिया है. वह लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई दक्षिण कोरिया की ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनको अदालत ने पद से हटाया है. आठ सदस्यीय न्यायाधीशों के पैनल ने पार्क के खिलाफ संसद के महाभियोग पर सर्वसम्मति से मुहर लगा  दी.

भ्रष्टाचार में पार्क और उनकी करीबी दोस्त चोई सून-सिल के लिप्त होने की बात सामने आई थी. इसके अलावा पार्क को न सिर्फ बतौर राष्ट्रपति मिलने वाले विशेषाधिकारों से वंचित कर दिया गया है, बल्कि अब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा भी चलाया जाएगा. इससे पहले दिसंबर में मामले को लेकर पार्क को राष्ट्रपति के कामकाज से दूर कर दिया गया था और उनका कार्यभार देश के प्रधानमंत्री को सौंप दिया गया था.

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बर्खास्त होने वाली देश की पहली राष्ट्रपति
पार्क ग्यून-हे की बर्खास्तगी के बाद अब मई के शुरुआत में दक्षिण कोरिया में नए राष्ट्रपति का चुनाव होना तय हो गया है. पार्क की करीबी चोई पर आरोप है कि उन्होंने सरकार की ओर से तरफदारी के एवज में कंपनियों पर घूस देने का दबाव बनाया था. चोई को घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया गया है. इसमें पार्क की भूमिका की भी सामने आई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई. शीर्ष अदालत ने पर्क के खिलाफ संसद के महाभियोग पर गंभीरता से विचार किया. अदालत ने पाया कि मामले में पार्क को राष्ट्रपति पद से बर्खास्त करने के पर्याप्त कारण मौजूद हैं.

जजों के पैनल ने कहा कि पार्क ने चोई के लिए गोपनीय सरकारी दस्तावेजों को लीक किया और कानूनों की धज्जियां उड़ाई. वहीं, अदालत के इस फैसले के खिलाफ दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. अदालत के बाहर भी पार्क के समर्थक भारी संख्या में जमा हो गए. दूसरी ओर पार्क को पद से हटाने जाने से विपक्ष में खुशी का माहौल है.


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