अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने भले ही सरकार बना ली हो, लेकिन पंजशीर प्रांत के लड़ाकों ने हार नहीं मानी है. अब नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) ने ऐलान कर दिया है कि वह अफगानिस्तान में समानांतर सरकार चलाएगा और तालिबान की सरकार को नहीं मानेगा.
बता दें कि पंजशीर अफगानिस्तान का इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान पूरी तरह कब्जा नहीं कर पाया है. तालिबान ने पंजशीर के कुछ इलाकों में कब्जा जमाया था लेकिन पंजशीर के लड़ाकों ने अभी हार नहीं मानी है और पहाड़ियों पर से तालिबानी लड़ाकों पर वे लोग हमले कर रहे हैं.
अहमद मसूद बोले - समानांतर सरकार चलाएंगे
नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) जिसे नॉर्दन अलायंस भी कहा जाता है उसकी अगुवाई अहमद मसूद कर रहे हैं. मंगलवार रात को तालिबान ने अपनी नई कैबिनेट का ऐलान किया. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए अहमद मसूद ने ऐलान किया कि वे लोग अफगान में समानांतर सरकार चलाएंगे. बताया गया कि इसके लिए फिलहाल नेताओं से विचार-विमर्श चल रहा है.
NRF ने तालिबान की केयरटेकर सरकार को NRF अवैध और अफगान के लोगों से दुश्मनी निकालने वाला बताया है. बता दें कि तालिबान ने 33 सदस्यों वाली केयरटेकर सरकार का मंगलवार शाम को ऐलान किया था. मुल्ला हसन अखुंद को सरकार का प्रमुख बनाया गया है. NRF ने अपने बयान में तालिबान को अफगान के साथ-साथ पूरी दुनिया के खतरा बताया है. इससे पहले नॉर्दन अलायंस ने संयुक्त राष्ट्र (UN), संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC), ईयू, सार्क, OIC आदि संस्थाओं से अपील की थी कि वे लोग तालिबान को किसी भी तरह का सहयोग ना दें.
अफगान सरकार में मंत्री रहे सलाहुद्दीन रब्बानी ने भी तालिबान द्वारा गठित सरकार की निंदा की थी. उन्होंने दावा किया था कि यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी.
तालिबान सरकार में आतंकियों की भरमार
तालिबान ने जो सरकार गठित की है, उसमें आतंकियों की भरमार है. इसमें कोई तस्करी के लिए बैन है तो किसी पर 73 करोड़ का इनाम रखा गया है. इसके साथ-साथ तालिबान ने 33 मंत्रियों वाली कैबिनेट में एक भी महिला को जगह नहीं दी है.
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