गाजा: खान यूनिस में हेलिकॉप्टर से गिराए गए राहत पैकेट से दबकर 3 साल के फिलिस्तीनी मासूम की मौत

संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी में सहायता के प्रवेश पर इजरायल के निरंतर प्रतिबंधों ने महत्वपूर्ण आपूर्ति को कम कर दिया है, जिससे 22 लाख से ज्यादा लोगों की पूरी आबादी अकाल के जोखिम में है.

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गाजा में अकाल का जोखिम (फाइल तस्वीर/AFP) गाजा में अकाल का जोखिम (फाइल तस्वीर/AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:50 AM IST

पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से फिलिस्तीन (Palestine) पर हो रहे इजरायली हमलों ने नरक जैसी स्थिति बना दी है. संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में पाया गया है कि गाजा पर इजरायल के युद्ध ने स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं को लगभग 70 साल पीछे धकेल दिया है, जिसके कारण लाखों और फिलिस्तीनी गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं. नागरिकों को हवाई मदद के जरिए खाने-पीने की चीजें दी जा रही हैं. इस बीच, फिलिस्तीन के दक्षिणी छोर पर स्थित खान यूनिस में हवाई मार्ग से गिराई गई सहायता की वजह से एक तीन साल के फिलिस्तीनी बच्चे, समी अय्याद की मौत हो गई. 

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CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक मासूम के रिश्तेदारों ने बताया कि इजरायली हमलों की वजह से पैदा हुए मानवीय संकट ने गाजा पट्टी में भयंकर भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. परिवार नाश्ता कर रहा था, तभी हवाई जहाज से पैलेट गिरे. बच्चे के दादा ने बताया कि परिवार के कई सदस्यों ने अपने टेंट के अंदर छिपने की कोशिश की लेकिन गिरते हुए पार्सल ने बच्चे की जान ले ली. 

वे आगे कहते हैं, "मैं उस लड़के के साथ बैठा था और जैसे ही मैंने उसे छोड़ा. पार्सल उसके ऊपर गिर गया. मेरे और उसके बीच सिर्फ एक सेकंड का फर्क था. मैंने उसे उठाया और भागना शुरू कर दिया. हमारे पास कोई अस्पताल नहीं है. मैं पागलों की तरह भागा, लेकिन लड़का तुरंत मर गया. मैं उसे बचा नहीं सका, उसके नाक और मुंह से खून निकलने लगा." 

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बच्चे के दादा अय्याद ने कहा, "हमें सहायता नहीं चाहिए, हमें सम्मान चाहिए. अरबों से हमें जो अपमान और बेइज्जती मिल रही है. जो लोग हम पर दया नहीं करते, वे हमारे बच्चों, हमारी महिलाओं, हमारे बुजुर्गों को देखें."

'अपमान और दहशत में जिंदगी...'

बच्चे के चाचा ने कहा, "हम इंसान हैं, कोई जानवर नहीं जो आसमान से खाना गिराएं. हमारे बच्चे फलियों (मदद में भेजी गई) की वजह से मर रहे हैं, फिलिस्तीन मुद्दे की वजह से नहीं.हमको इस तरह की मदद नहीं चाहिए, मैं कह रहा हूं कि मुझे ये नहीं चाहिए, बहुत हुआ. हमें सम्मान चाहिए."

यूएई से भेजी गई मदद में आई चीजें दिखाते हुए मासूम के चाचा ने कहा, "अपनी सहायता ले लो, हमें यह नहीं चाहिए. यह वही चीजें हैं, जिससे मेरे बच्चे की मौत हो गई. हमारा वजूद किया है. आप यह मुझे जिंदा रहने के लिए सहायता नहीं कर रहे हो. आपने मेरा कत्ल किया, मेरे बच्चे, मेरे भतीजे को मार डाला. हम पूरे एक साल से मर रहे हैं."

यह भी पढ़ें: गाजा में एक बार फिर रिफ्यूजी कैंप पर इजरायल का बड़ा हमला, 33 फिलिस्तीनियों की मौत

मृतक मासूम बच्चे के पिता कहते हैं, "हमें मदद नहीं चाहिए, हमारा बच्चा चला गया. वह मुझसे बात करते हुए खड़ा था. जब उसने देखा कि चीजें उसके ऊपर गिरने वाली हैं, तो वह भागा. इजरायल पर दबाव डालें और जमीनी बॉर्डर के जरिए से प्रवेश करें. यह मेरी जिंदगी के लिए सुरक्षित है. हम अपमान, मौत और दहशत झेल रहे हैं. हम रात को सोते हैं लेकिन हमें उम्मीद नहीं होती कि जागेंगे."

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गाजा में सहायता के प्रवाह को कंट्रोल करने वाली इजरायली एजेंसी के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात ने शनिवार को खान यूनिस में 81 खाद्य पैकेज गिराए.

जोखिम में 22 लाख से ज्यादा आबादी

संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी में सहायता के प्रवेश पर इजरायल के निरंतर प्रतिबंधों ने महत्वपूर्ण आपूर्ति को कम कर दिया है, जिससे 22 लाख से ज्यादा लोगों की पूरी आबादी अकाल के जोखिम में है. वैश्विक खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का आकलन करने वाले Integrated Food Security Phase Classification की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 18 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.

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