ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सीमा के पास मौजूद 72 आतंकवादी लॉन्चपैड्स को 'गहराई वाले क्षेत्रों' में शिफ्ट कर दिया है. BSF के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी. BSF सरकार के आदेश मिलने पर दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार है. हालांकि, मई में चार दिनों के संघर्ष के बाद सेना ने अभी तक कार्रवाई में विराम रखा है.
गहराई वाले क्षेत्रों में सक्रिय हैं लॉन्चपैड्स
BSF DIG विक्रम कुंवर ने बताया कि सियालकोट और ज़फरवल के गहराई वाले क्षेत्रों में लगभग 12 लॉन्चपैड्स काम कर रहे हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में 60 लॉन्चपैड्स सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि ये लॉन्चपैड्स स्थायी नहीं होते और आमतौर पर आतंकियों को भारत में घुसाने से पहले ही सक्रिय रहते हैं. अभी सीमा के नजदीक कोई प्रशिक्षण कैंप नहीं है.
आतंकियों का मिला-जुला समूह
DIG कुंवर ने बताया कि पहले जेएम और एलईटी के लोग अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय रहते थे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकियों को मिलाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे किसी भी समूह को मिश्रित तरीके से ट्रेनिंग लेने की सुविधा मिल रही है.
BSF हर स्थिति के लिए तैयार
IG जम्मू फ्रंटियर शशांक आनंद ने कहा कि अगर सरकार ऑपरेशन सिंदूर को फिर से शुरू करने का आदेश देती है, तो BSF पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि BSF ने 1965, 1971, 1999 करगिल और ऑपरेशन सिंदूर जैसे विभिन्न युद्धों में अनुभव हासिल किया है और जरूरत पड़ने पर दुश्मन को पहले से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
पाकिस्तानी रेंजर्स की निगरानी
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स अपनी पोस्टों से भागे थे. IG आनंद ने बताया कि स्थिति सामान्य होने पर सभी अपने-अपने स्थानों पर लौटेंगे. उन्होंने कहा कि सभी गतिविधियां BSF की निगरानी में हैं और परिस्थितियों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.
मौजूदा स्थिति क्या है?
अभी सीमा पर आतंकियों की कोई सक्रिय मूवमेंट नहीं है जिससे अलार्म उठाया जाए. BSF अपनी तैयारियों और निगरानी जारी रखे हुए है.
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