अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तिलमिलाया पाकिस्तान, दी ये प्रतिक्रिया

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है. पाकिस्तान ने कहा है कि जम्मू कश्मीर को लेकर अंतिम फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों के आकांक्षाओं के अनुसार किया जाना है.

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पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है. देश की शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था. अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है.

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इससे पहले अनुच्छेद 370 पर फैसले सुनाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि भारत में विलय के बाद जम्मू कश्मीर के पास आंतरिक संप्रभुता का अधिकार नहीं है. 

पाकिस्तान ने फिर अलागा यूएन का राग

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "जम्मू कश्मीर का विवाद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का विवाद है, जो सात दशकों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में शामिल है. जम्मू कश्मीर को लेकर अंतिम फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों के आकांक्षाओं के अनुसार किया जाना है. भारत को कश्मीरी लोगों और पाकिस्तान की इच्छा के विरुद्ध इस पर एकतरफा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है. 

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बयान में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता यानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करता है. भारतीय संविधान के तहत किसी भी प्रक्रिया का कोई कानूनी महत्व नहीं है. घरेलू कानूनों और न्यायिक फैसलों के बहाने भारत अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से पीछे नहीं हट सकता. जम्मू कश्मीर को अपने साथ मिलाने की उसकी साजिश निश्चित रूप से असफल होगी.

4 साल 4 महीने बाद फैसला

5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू- कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.

केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थीं. सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. 370 हटने के 4 साल, 4 महीने, 6 दिन बाद आज सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने आज यानी सोमवार को फैसला सुनाया.

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