मोइद यूसुफ बने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, पीएम इमरान खान के हैं खास

मोइद युसूफ राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट थे. मोइद से पहले नासिर जंजुआ इस पद पर थे. 17 मई को कैबिनेट डिविजन की तरफ से मोइद की नियुक्ति के सिलसिले में एक अधिसूचना जारी की गई थी.

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मोइद युसूफ को पाकिस्तान का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है. (फोटो-ट्विटर) मोइद युसूफ को पाकिस्तान का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है. (फोटो-ट्विटर)

aajtak.in

  • इस्लामाबाद,
  • 18 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST
  • मोइद को मिलेगा केंद्रीय मंत्री का दर्जा
  • इमरान खान के करीबी हैं मोइद यूसुफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी मोइद यूसुफ को पाकिस्तान का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है. वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट थे. मोइद से पहले नासिर जंजुआ इस पद पर थे. 17 मई को कैबिनेट डिविजन की तरफ से मोइद की नियुक्ति के सिलसिले में एक अधिसूचना जारी की गई थी.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक मोइद की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब ऐसी खबरें सामने आई हैं कि पिछले दिनों बैक चैनल से भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हुई है और कहा जा रहा था कि इस बातचीत में मोइद युसूफ ने अहम भूमिका निभाई थी. नोटिफिकेशन में कहा गया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को डॉ. मोइद डब्ल्यू यूसुफ की बतौर देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्ति को मंजूरी देते हुए खुशी हो रही है. मोइद को तत्काल प्रभाव से केंद्रीय मंत्री का भी दर्जा दिया जाएगा.

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बता दें कि बीते महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जहीद हफीज चौधरी से भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे हो रही बातचीत की खबरों को लेकर कई पत्रकारों ने सवाल पूछा था. इस सवाल के जवाब के दौरान उन्होंने इस बात से साफ इनकार नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि युद्ध के समय भी दो देशों के बीच बातचीत के लिए अपने विकल्प मौजूद रहते हैं. इसलिए भारत और पाकिस्तान के बीच यदि बातचीत हो भी रही है तो यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है.

वहीं, दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस सवाल पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि अगर आप बातचीत के माध्यम की बात कर रहे हैं तो मैं आपको बता दूं कि हमारे हाई कमीशन सक्रिय हैं और बातचीत के लिए यह सबसे प्रभावी माध्यम है.

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बता दें कि मोइद के पास अमेरिका में विभिन्न थिंक टैंक के साथ काम करने का अनुभव है. उन्होंने एशिया सेंटर में यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्य किया है. उन्हेंने बोस्टन यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी की है.

 

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