अब तक आतंकवाद के प्रति लगाव दिखा रहे पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई है. भारत सरकार के दांव से पस्त पड़ोसी मुल्क को अब समझ में आ गया है कि उसकी 'आतंक की दुकानदारी' अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी. शायद यही वजह है कि नवाज शरीफ सरकार ने अपनी सेना से आतंकियों पर नकेल कसने को कह दिया है. पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने सेना से साफ लहजे में कहा है कि आतंकवाद पर जल्द लगाम नहीं लगाई गई तो हम पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ जाएंगे. उरी हमले के 20 दिनों के भीतर पाकिस्तान के रुख में इस तरह बदलाव को मोदी सरकार अपनी सामरिक और कूटनीतिक जीत के तौर पर देख सकती है.
मुल्क बचाने की कोशिश
पाकिस्तान के एनएसए नसीर जंजुआ और आईएसआई के मुखिया रिजवान अख्तर मुल्क के चारों प्रांतों के दौरे पर निकल पड़े हैं. ये इस संदेश के साथ पूरे मुल्क में घूमेंगे कि अगर पुलिस या सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लेंगे तो सेना की खुफिया एजेंसियां इसमें दखल नहीं देंगी.
यह कई मौकों पर साबित हो चुका है कि पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह है और वहां से आतंकवादियों को सीमा पार से घुसपैठ कराने में वहां की सेना उनकी मदद करती है. पाकिस्तानी सेना और पाक रेंजर्स एलओसी पर अक्सर सीजफायर तोड़ते हैं और गोलीबारी की आड़ में आतंकी भारतीय सीमा में दाखिल होने में कामयाब हो जाते हैं.
पीओके में आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर हैं और इन्हें पाकिस्तानी सेना की मदद मिलती है. इंडियन आर्मी के सर्जिकल स्ट्राइक में कई ऐसे आतंकी कैंप तबाह हुए हैं. लेकिन आतंक के सरगना पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकानों पर हैं. और वो रहकर भारत के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं.
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जंग का माहौल बना रहे पाकिस्तान को सरहद पर भारतीय सेना की बढ़ती मौजूदगी का शायद अहसास हो गया है. बार-बार परमाणु हमले की गीदड़भभकी देने वाला पड़ोसी मुल्क अब अपने सरहदी इलाकों में सेना की तैनाती बढ़ाने लगा है और इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है.
पठानकोट, मुंबई हमले की जांच
पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने यह भी निर्देश दिया है कि पठानकोट हमले की जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए और रावलपिंडी कोर्ट में धूल-फांक रही मुंबई हमलों से जुड़ी फाइलों पर एक्शन लेते हुए सुनवाई फिर से शुरू की जाए.
केवल भारत ही नहीं, समूचा विश्व समुदाय जैश-ए-मोहम्मद और इसके मुखिया मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा और इसके आका हाफिज सईद तथा हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है.
वैसे तो नवाज शरीफ सार्वजनिक मंचों पर यह कबूल ही नहीं करते कि उनके यहां आतंकवाद की फसल लहलहा रही है और उनकी धरती से आए आतंकवादियों ने मुंबई और पठानकोट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया. वो इस बारे में झूठ बोलते भी नहीं थकते कि उन्हें भारत इन हमलों में पाकिस्तानी आतंकियों के शामिल होने के सबूत नहीं देता है. लेकिन चाहे वो मुंबई हमला हो या पठानकोट या आए दिन जम्मू-कश्मीर में होने वाले हमले, ऐसी हर घटना में पाकिस्तान की धरती से आए आतंकियों के सबूत मिलते हैं.
पाकिस्तान सरकार मसूद अजहर को आतंकवादी नहीं घोषित करवाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं. नवाज शरीफ ने यूएन महासभा में पहले कश्मीर का मसला उठाकर आतंकवाद से अपना दामन बचाने की कोशिश की फिर पाकिस्तान ने चीन के जरिये तकनीकी पेंच फंसाकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की जद से बचाने का दांव खेला. लेकिन यूएन में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इस मसले पर सुरक्षा परिषद की आलोचना कर कूटनीतिक दबाव बना दिया है. उरी हमले के बाद यूएन महासभा को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान और नवाज शरीफ को आतंकवाद के मसले पर जमकर खरी-खोटी सुनाई.
इस तरह उरी हमले के विरोध में सार्क सम्मेलन का बायकॉट कर भारत ने पड़ोसी मुल्कों का समर्थन हासिल किया और पाकिस्तान में होने वाले इस आयोजन को स्थगित करवाने में कामयाब रहा. फिर सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये मोदी सरकार ने पाकिस्तान को संदेश दिया कि अब पानी सिर से ऊपर चढ़ने लगा है और पाकिस्तान की करतूतों का जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा.
पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करवाने की कोशिश में जुटे भारत को विश्व समुदाय का भी साथ मिला है. उरी हमले को लेकर दुनिया के तमाम देशों ने पाकिस्तान की आलोचना की तो पीओके में आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक को जायज ठहराया है.