'पाकिस्तान के साथ कोई व्यापार नहीं...', तालिबान सरकार की अफगान व्यापारियों को कड़ी वॉर्निंग

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहले दौर की शांति वार्ता 19 अक्टूबर को हुई थी. लेकिन यह सफल नहीं रही. इसके बाद 25 से 28 अक्टूबर तक तुर्की के इस्तांबुल में दूसरी दौर की चार दिनों की वार्ता भी पूरी तरह विफल रही. इसी तरह तीसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही.

Advertisement
तालिबान सरकार की अफगान व्यापारियों को कड़ी चेतावनी (Photo: Getty) तालिबान सरकार की अफगान व्यापारियों को कड़ी चेतावनी (Photo: Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते इस समय बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. दोनों देशों के बीच तीन बार शांति वार्ता हुई लेकिन यह औंधे मुंह गिर गई. इस बीच अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार और आवागमन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. 

अफगानिस्तान सरकार में आर्थिक मामलों के उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने अफगान व्यापारियों और उद्योगपतियों को निर्देश दिया है कि वे पाकिस्तान के स्थान पर तुरंत वैकल्पिक व्यापारिक मार्गों की तलाश करें.

Advertisement

उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान ने बार-बार व्यापारिक रास्ते बंद करके अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और गैर-राजनीतिक मुद्दों को राजनीतिक हथियार बनाया है, इसलिए अब अफगान व्यापारी पाकिस्तान पर निर्भर रहकर कोई समस्या होने पर तालिबान सरकार से मदद की उम्मीद न करें.

बरादर ने कहा कि राष्ट्रीय गरिमा, आर्थिक हितों और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए अफगान व्यापारियों को पाकिस्तान के साथ व्यापार न्यूनतम करना चाहिए और आवाजाही के वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी चाहिए. उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान से दवाओं के आयात पर जोर देते हुए कहा कि ये निम्न गुणवत्ता वाली हैं और इससे हर साल सैकड़ों मिलियन डॉलर बाहर जाते हैं, इसलिए सभी दवा आयात अन्य देशों से करने होंगे.

बता दें कि पाकिस्तान में पहले से कॉन्ट्रैक्ट वाले व्यापारियों को तीन महीने की मोहलत दी गई है कि वे अपने खाते बंद करें और कारोबार समेट लें, उसके बाद कोई छूट नहीं मिलेगी. तालिबान का यह फैसला अक्टूबर 2025 से चले आ रहे तनाव के बीच लिया गया है. दरअसल अक्टूबर में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर भयंकर झड़पें हुई थीं, जिसमें दोनों तरफ दर्जनों लोग मारे गए थे. 

Advertisement

पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को अफगानिस्तान में पनाह देने का आरोप लगाते हुए सीमा बंद कर दी और ट्रांजिट ट्रेड निलंबित कर दिया, जिससे हजारों ट्रक फंस गए और दोनों देशों के व्यापारियों को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ. इस बीच तुर्की और कतर की मध्यस्थता से कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन नवंबर में इस्तांबुल में तीसरा दौर भी बेनतीजा रहा क्योंकि पाकिस्तान TTP के खिलाफ लिखित गारंटी मांगता रहा, जबकि तालिबान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया. 

मालूम हो कि अभी भी मुख्य सीमा क्रॉसिंग जैसे तोरखम, स्पिन बोल्डक आदि बंद हैं, जिससे अफगानिस्तान में जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं और निर्यात प्रभावित हुआ है. तालिबान अब ईरान के चाबहार पोर्ट या अन्य रास्तों को मजबूत करने की बात कर रहा है, ताकि पाकिस्तान की दबाव की राजनीति का मुकाबला किया जा सके. कुल मिलाकर, यह कदम तालिबान की ओर से पाकिस्तान को आर्थिक जवाबी कार्रवाई है, जो दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे आतंकवाद, शरणार्थी और सीमा विवादों का नतीजा है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement