भारत द्वारा सीमा पार आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' से तिलमिलाए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है. हाफिज सईद के करीबी और लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी (उर्फ सैफुल्लाह खालिद) ने हजारों समर्थकों के बीच भारत को खुली धमकी देते हुए कश्मीर से लेकर हैदराबाद और जूनागढ़ तक पर अपना दावा ठोक दिया है.
हजारों लश्कर समर्थकों की मौजूदगी में दिए गए भड़काऊ भाषण में कसूरी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने बड़ी गलती की, उसने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इसके बाद उसने अपने भाषण को जानबूझकर उकसावे की भाषा में आगे बढ़ाते हुए कहा, “मेरी आखिरी बात… अपने भी सुनें, बाहर वाले भी सुनें, दोस्त भी सुनें और दुश्मन भी सुनें.”
आतंकी संगठन की खुली धमकी
आतंकी सैफुल्लाह ने पाबंदियां लगाने वालों और आतंकवादी संगठन को बेनकाब करने वालों को भी सीधे तौर पर ललकारा. उसने दावा किया कि पूरी दुनिया का सिस्टम बदला जा सकता है, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा अपने 'कश्मीर मिशन' से कभी पीछे नहीं हटेगा. यह बयान भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ खुलेआम दी गई आतंकी धमकी के तौर पर देखा जा रहा है. उसने कश्मीर को 'किब्ला-ए-अव्वल की आज़ादी' से जोड़ते हुए आतंक को धार्मिक रंग देने की कोशिश भी की. उसने कहा, "हमें दहशतगर्द बताने वाले और हम पर पाबंदियां लगाने वाले सुन लें, हम कश्मीर और फिलिस्तीन की आजादी के मिशन से कभी पीछे नहीं हटेंगे।"
हैदराबाद, जूनागढ़ और बंगाल पर आतंकी दावा
अपने भाषण में कसूरी ने यह भी दावा किया कि भारत ने कश्मीर, अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर, जूनागढ़, मुनावदर, हैदराबाद दक्कन और बंगाल जैसे क्षेत्रों को हथिया लिया है. उसने कहा कि ये सभी इलाके कथित तौर पर मुस्लिम बहुल थे और अंग्रेजों व हिंदुओं की साजिश के तहत पाकिस्तान से छीने गए. यह दावा ऐतिहासिक तथ्यों के पूरी तरह विपरीत और भड़काऊ प्रोपेगेंडा माना जा रहा है.
आतंकी कसूरी ने खुद को और अपने संगठन को 'अमन पसंद' बताने की भी कोशिश की, जबकि लश्कर-ए-तैयबा दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों में शामिल है और भारत समेत कई देशों में प्रतिबंधित है. भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि ऐसे बयान आतंक फैलाने और युवाओं को गुमराह करने की साजिश का हिस्सा हैं.
अरविंद ओझा / सुबोध कुमार