नर्स ने जिंदा मरीज को बॉडी बैग में पैक कर मुर्दाघर भेज दिया, अगले दिन देखा तो...

हैरान कर देने वाली बात यह है कि मरीज को डॉक्टरों ने मृत घोषित नहीं किया था. नर्सों ने खुद से ही उसे मृत मानकर बॉडी बैग में पैक कर दिया था. इसके बाद उसे मुर्दाघर में रखवा दिया. अगली सुबह जब डॉक्टरों की एक टीम जांच करने पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ.

Advertisement
अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू (सांकेतिक फोटो- Getty) अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू (सांकेतिक फोटो- Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

एक अस्पताल पर मरीज को जिंदा ही बॉडी बैग में पैक कर मुर्दाघर में रखने का आरोप लगा है. इस कथित लापरवाही के चलते 55 साल के मरीज की हकीकत में मौत हो गई. अब इस मामले में अस्पताल स्टाफ के खिलाफ जांच बिठा दी गई है. 

मामला ऑस्ट्रेलिया के पर्थ का है. बिजनेस न्यूज के मुताबिक, 55 साल के केविन रीड को Rockingham General Hospital में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. लेकिन 5 सितंबर को अस्पताल की नर्सों ने केविन को मृत मानकर शव को बॉडी बैग में पैक कर दिया. 

Advertisement

हैरानी की बात यह है कि मरीज को डॉक्टरों ने मृत घोषित नहीं किया था. नर्सों ने खुद से उसे मृत मानकर बॉडी बैग में पैक कर दिया और मुर्दाघर में रखवा दिया. अगली सुबह जब डॉक्टरों की एक टीम शव की जांच करने पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ. 

दरअसल, केविन ने मरने से पहले अपने ऑर्गन डोनेट कर दिए थे. इसलिए एक्सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम उसके शव की जांच करने मुर्दाघर पहुंची. डॉक्टरों ने जब शव को देखा तो उसकी आंखें खुली थीं. मुंह से खून निकला हुआ था. खून ताजा था. ऐसे में डॉक्टरों को शक हुआ.

उन्होंने नर्सों से डेथ सर्टिफिकेट मांगा लेकिन वो सर्टिफिकेट देने में असमर्थ थीं. क्योंकि अस्पताल के डॉक्टर ने मरीज को मृत डिक्लेयर किया ही नहीं था. 

नर्सों की लापरवाही की पोल खुली 

Advertisement

इस तरह मुर्दाघर जांच करने गए डॉक्टरों के सामने नर्सों की लापरवाही की पोल खुल गई. जांच टीम के एक सदस्य ने कहा कि शायद मरीज जीवित था और बॉडी बैग से बाहर आने के लिए छटपटा रहा था. लेकिन बाद में दम घुटने से सच में उसकी मौत हो गई. बताया गया कि मरीज की आंखें खुली थीं, उसके गाउन पर खून था. बॉडी बैग में उसकी पोजीशन बदल गई थी.  

जांच टीम के सदस्य ने यह भी कहा कि मौत को प्रमाणित करने के लिए किसी डॉक्टर को नहीं बुलाया गया था, जो कि एक मानक प्रक्रिया है. फिलहाल, इन आरोपों के बाद अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement