नेपाल में पोखरा से जोमसोम जा रहा यात्री विमान दुर्घटना का शिकार हो गया है. इस विमान में क्रू मेंबर समेत 22 लोग सवार थे, जिसमें चार भारतीय भी शामिल थे. एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना था कि सुबह 10.07 बजे से विमान से कोई संपर्क नहीं हो पाया था. शाम करीब चार बजे विमान का मलबा मिल गया. त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चीफ ने कहा कि घटनास्थल पर जांच पड़ताल की जा रही है. वहीं सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि नेपाली सेना जमीन और हवाई मार्ग से घटनास्थल की ओर रवाना हो गई है.
भारत के बंगलुरु में रहे इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (ELT) के तरफ से नेपाल के एयरपोर्ट ऑथरिटी को लापता हुए विमान की सही लोकेशन के बारे में जानकारी साझा की है. ELT ने बताया है कि तारा एयर का विमान मुस्तांग जिले के खाईबांग के आसपास है. ELT विमान में लगा एक उपकरण है जिसके माध्यम से लापता या दुर्घटनाग्रस्त विमान का लोकेशन ट्रेस किया जाता है.
इससे पहले जोमसोम एयरपोर्ट के ट्रैफिक कंट्रोलर ने कहा था कि घासा में एक तेज धमाके की रिपोर्ट सामने आई है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है. धमाके वाले इलाके में तलाशी के लिए हेलिकॉप्टर भेजा गया था. ये भी बताया गया कि धमाके वाले जगह ही आखिरी बार विमान से संपर्क हुआ था.
लापता चार भारतीय मुंबई के हैं रहने वाले
लापता विमान में सवार चार भारतीय मुंबई के रहने वाले हैं. अधिकारियों ने बताया कि चारों लोग एक ही परिवार के हैं, जिनकी पहचान पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में हुई है.
उधर, विमान के लापता होने के बाद उसकी तलाशी में खराब मौसम के चलते काफी दिक्कतें आईं. विमान का मलबा मिल जाने के बाद अब आगे की कार्रवाई की जा रही है. इस यात्री विमान में 13 नेपाली, चार भारतीय, दो जर्मन और चालक दल के तीन सदस्य सवार थे.
उधर, तारा एयर पर नेपाल सेना के प्रवक्ता के अनुसार, अभी तक पता नहीं है... हम उस जगह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जहां स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ जलते हुए देखा है. एक बार जब हमारे सैनिक मौके पर पहुंच जाते हैं, तभी हम आधिकारिक तौर पर और स्वतंत्र रूप से निष्कर्षों की घोषणा कर सकते हैं. इलाके के लिहाज से मौसम बेहद प्रतिकूल है.
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ऐसे पूरी हुई विमान की तलाश
जानकारी के मुताबिक, खराब मौसम के बीच नेपाली सेना के एक हेलिकॉप्टर ने लापता विमान के दुर्घटनास्थल का पता ढूंढ निकाला. माई रिपब्लिका अखबार के अनुसार, नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर 10 सैनिकों और दो कर्मचारियों को लेकर नरशंग मठ के पास एक नदी के किनारे उतरा जो जो दुर्घटना की संभावित जगह थी.
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के महाप्रबंधक प्रेम नाथ ठाकुर ने समाचार पत्र के हवाले से कहा कि नेपाल टेलीकॉम ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) नेटवर्क के माध्यम से हवाई जहाज के कैप्टन प्रभाकर घिमिरे के सेलफोन को ट्रैक किया जिससे लापता विमान का पता लगाया गया.
ठाकुर ने कहा बताया कि लापता विमान के कैप्टन घिमिरे का सेल फोन बज रहा था. फोन को ट्रैक करने के बाद नेपाल सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटना स्थल पर पहुंचा.
एयरलाइन वेबसाइट के अनुसार, तारा एयर नेपाली पहाड़ों में सबसे नई और सबसे बड़ी एयरलाइन सेवा देने वाली कंपनी है. इसने 2009 में ग्रामीण नेपाल को विकसित करने में मदद करने के मिशन के साथ कारोबार शुरू किया था.
तारा एयर के मुताबिक, विमान में जो चार भारतीय सवार थे, उनका नाम कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी बांदेकर है. इसके अलावा यात्रियों में इंद्र बहादुर गोले, पुरुषोत्तम गोले, राजन कुमार गोले, बसंत लामा, गणेश नारायण श्रेष्ठ, रवीना श्रेष्ठ, रश्मि श्रेष्ठ, रोजिना श्रेष्ठ, प्रकाश सुनुवर, मकर बहादुर तमांग, राममाया तमांग, सुकुमाया तमांग, तुलसी देवी तमांग, अशोक, माइक ग्रीट, उवे विल्नर शामिल थे.
तारा एयर के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने भी पुष्टि की थी कि विमान लापता हो गया है और तलाशी अभियान जारी है. विमान के पायलट कैप्टन प्रभाकर प्रसाद घिमिरे, को-पाइलट इतासा पोखरेल और एयर होस्टेस कास्मी थापा हैं.
इधर, नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने आजतक से बातचीत में बताया कि तारा एयरलाइंस का प्लेन मुस्टांग जा रहा था. नेपाली सेना हेलिकॉप्टर की मदद से लापता प्लेन की तलाश में जुटी थी. मुस्टांग इलाके की पुलिस, नेपाल प्रहरी के जवान तलाशी अभियान में जुटे थे.
इनपुट- राजेश छाबड़ा
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