अब चीन को इस छोटे से देश ने दिखाई आंख, राजदूत को किया तलब

चीन पिछले कुछ समय से कई मुद्दों को लेकर विवादों में है. चीन ने राष्ट्रीय दिवस पर अपने कई विमानों को ताइवान के क्षेत्र में भेजा था जिसके बाद से ताइवान की राष्ट्रपति ने कड़ी आपत्ति जताई. वही पिछले कुछ समय से एलएसी पर भारत के साथ भी तनातनी को लेकर चीन सुर्खियों में रहा है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच हुई पनडुब्बी परमाणु डील को लेकर भी चीन अपने बयान के चलते चर्चा में था और अब मलेशिया ने चीन के राजदूत को तलब किया है. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो क्रेडिट: Getty images प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो क्रेडिट: Getty images

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 06 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST
  • ताइवान के बाद मलेशिया ने भी चीन की हरकतों पर जताई आपत्ति
  • चीनी जहाजों की उपस्थिति पर मलेशिया ने जताई आपत्ति

चीन पिछले कुछ समय से कई मुद्दों को लेकर विवादों में है. चीन ने राष्ट्रीय दिवस पर अपने कई विमानों को ताइवान के क्षेत्र में भेजा था जिसके बाद से ताइवान की राष्ट्रपति ने कड़ी आपत्ति जताई. वही पिछले कुछ समय से एलएसी पर भारत के साथ भी तनातनी को लेकर चीन सुर्खियों में रहा है. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच हुई पनडुब्बी परमाणु डील को लेकर भी चीन अपने बयान के चलते चर्चा में था और अब मलेशिया ने चीन के राजदूत को तलब किया है. 

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मलेशिया ने साउथ चाइना सी में कुआलालंपुर के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में चीनी जहाजों की उपस्थिति और गतिविधियों को लेकर आपत्ति जताई है. हालांकि, इस बारे में कोई बात नहीं की गई है कि वहां कितने जहाज मौजूद थे और ये घटना किस दिन घटी थी. मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि चीन के जहाजों के साथ ही एक सर्वे बोट भी शामिल थी और ये मलेशियाई राज्यों सबा और सरवाक के तटों पर काम कर रही थी.

इस बयान में आगे कहा गया कि ये साफ तौर पर संयुक्त राष्ट्र के 1982 के समुद्री कानून का उल्लंघन है. मलेशिया इस मामले में जो एक्शन ले रहा है, वो अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित है और ये एक्शन मलेशिया के जल क्षेत्र की संप्रभुता और अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया है. मलेशिया इससे पहले भी इस जल क्षेत्र में अतिक्रमण का कड़ा विरोध करता रहा है. 

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बता दें कि चीन लगभग पूरे साउथ चाइना सी को अपना बताता है मगर मलेशिया, फिलीपीन्स, ब्रुनेई, ताइवान और वियतनाम उसके दावे का विरोध करते हैं. हाल के वर्षों में चीन ने इस विवादित जल क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को तेज किया है. चीन ने यहां कृत्रिम द्वीप बनाए हैं और सैन्य चौकियों की स्थापना भी की है. चीन कहता रहा है कि वो ऐसा शांतिपूर्ण उद्देश्यों के चलते कर रहा है. 

पहले भी विवादित क्षेत्र में नजर आ चुके हैं चीन के लड़ाकू विमान

गौरतलब है कि इससे पहले भी जून के महीने में भी साउथ चाइना सी में विवादित क्षेत्र के ऊपर 16 चीनी लड़ाकू विमानों की मौजूदगी के बाद मलेशिया ने चीन के राजदूत को तलब किया था. साउथ चाइना सी के ऊपर संदिग्ध गतिविधियों का पता लगने पर उनके लड़ाकू विमानों ने चीन के मालवाहक जहाजों का पीछा भी किया गया था. उस दौरान भी मलेशिया ने इस घटना को राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए खतरा बताया था. हालांकि इस मामले में चीन का कहना था कि उसके विमानों ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन किया है. 

 

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