जापान के नारा शहर के प्रसिद्ध टोमियो मारुयामा टुमुलस (कब्रों के ऊपर बना गोल ढांचा) की खुदाई में पुरातत्वविदों को एक बेहद लंबी प्राचीन तलवार और ब्रॉन्ज मिरर (प्राचीन शीशा) मिला है. यह खोज पुरातत्वविदों ने पिछले साल नवंबर में कर ली थी, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि खोज में मिली इन दोनों चीजों को राष्ट्रीय खजाने के तौर पर भी पहचान मिल सकती है.
नारा म्युनिसिपल ब्यूरीड कल्चरल प्रोपर्टीज रिसर्च सेंटर और नारा प्रीफेक्चुरल आर्कियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने इस प्राचीन टुमुलस की संयुक्त होकर खुदाई की थी. नवंबर में खोज के बाद इसकी घोषणा 25 जनवरी को की गई है.
खोज में मिली तलवार की बात करें तो उसकी लंबाई 2.3 मीटर यानी करीब साढ़े सात फुट है, जिसका घुमावदार ब्लेड है. सबसे खास बात है कि अपने समय में पूर्वी एशिया में यह सबसे लंबी लोहे की तलवार थी. वहीं जो शीशा मिला है, उसका संबंध पश्चिमी जापान से बताया जा रहा है. प्राचीन ब्रॉन्ज मिरर की लंबाई 64 cm और चौड़ाई 31 cm है. जबकि इसका वजन 5 किलो 700 ग्राम है.
सबसे खास बात है कि आजतक प्राचीन जगहों की खुदाई में जो ब्रॉन्ज मिरर मिले, उनका आकार गोल था. लेकिन यह पहली बार है, जब खुदाई में मिलने वाले मिरर की शील्ड शेप है.
सबसे पुरानी डाको तलवार
वहीं तलवार की बात करें तो यह सबसे पुरानी 'डाको' तलवार भी है, जिसका आकार किसी सांप जैसा है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह की तलवार जापान में मिली हो. इससे पहले करीब 80 डाको तलवारों की खोज की जा चुकी है. लेकिन इस तलवार की खास बात है कि यह अभी तक मिली तलवारों में सबसे लंबी है. इस खोज से पहले जो सबसे लंबी तलवार खोजी गई थी, उसकी लंबाई इससे करीब दो फुट कम है.
नारा प्रीफेक्चर आर्कियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ काशिहारा के डिप्टी डायरेक्टर कोसाकु ओकाबयाशी ने कहा कि यह खोज संकेत देती हैं कि कोफुन काल (300-700 AD) के बारे में जो कल्पना की गई थी, वह उससे काफी अलग है. जो खोज अब की गई है, यह उस दौर में मेटल वर्क का मास्टरपीस है.
नारा यूनिवर्सिटी में पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर नाओहिरो टोयोशिमा ने बताया कि जिस टुमुलस से यह खोज की गई हैं, वह शायद किसी शख्स ने अपने करीबी शख्स के लिए बनाया होगा. तलवार और शील्ड शेप्ड मिरर इस बात का संकेत देता है कि जिस दफनाया गया, वह सेना या ऐसी किसी चीजों में शामिल रहा होगा.
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