उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सैन्य ताकत को दर्शाने वाली महत्वाकांक्षी योजना उस वक्त शर्मिंदगी में बदल गई जब नॉर्थ कोरिया के पहले डेस्ट्रॉयर यानी विध्वंसक जहाज लॉन्चिंग के दौरान ही पानी में पलट गया.
यह घटना 22 मई को चोंगजिन नॉर्थ ईस्टर्न शिपयार्ड में हुई, जब पूरी दुनिया की नजरें इस ऐतिहासिक लॉन्च पर टिकी थीं. किम जोंग खुद इस मौके पर मौजूद था, और उनके साथ उनकी बेटी भी थी. इस घटना से किम जोंग बुरी तरह गुस्सा हो गया है और उसने जिम्मेदार अधिकारियों को पता लगाने के आदेश दिए हैं.
करीब 5,000 टन वजनी इस विध्वंसक युद्धपोत को उत्तर कोरिया की नौसेना शक्ति का प्रतीक माना जा रहा था. किम जोंग ने इसे अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई दबाव का जवाब बताकर प्रचारित किया था. लॉन्चिंग के लिए एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें नेवी के अधिकारी, फोटोग्राफर, मीडिया और जनता शामिल थी. लेकिन जैसे ही यह जहाज पानी में उतारा गया, इसका बैलेंस बिगड़ा और ये लुढ़क गया.
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किम की हुई सार्वजनिक बेइज्जती
बताया जा रहा है कि इसके बाद किम जोंग उन बहुत ज्यादा गुस्सा हो गया है. किम का कहना है कि इसे एक क्रिमिनल एक्ट की तरह देखा जा रहा है. उसने कहा है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. असल में इस दौरान बहुत से लोगों की भीड़ भी थी और किम भी मौजूद था. अब जब ये शिप पानी में गिर गया तो किम जोंग उन की पब्लिकली बेइज्जती हो गई.
यह घटना न सिर्फ तकनीकी असफलता थी बल्कि किम जोंग की सार्वजनिक बेइज्जती भी बन गई. नॉर्थ कोरिया में यह पहली बार है कि ऐसी किसी विफलता की रिपोर्ट को सरकारी टीवी चैनल ने प्रसारित किया है. रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि किम बेहद नाराज है और इसे "क्रिमिनल एक्ट" माना जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
किम का महत्वाकांक्षी प्रोजक्ट
इस विध्वंसक पोत को बनाने में किम जोंग की बड़ी महत्वाकांक्षा जुड़ी थी. वह इसके बाद और भी फ्रिगेट्स और युद्धपोत बनाने की योजना में थे. लेकिन लॉन्चिंग से पहले ही यह योजना ढेर हो गई. सैटेलाइट इमेज से यह स्पष्ट है कि जहाज पानी में गिरने के बाद नीले तिरपाल से ढक दिया गया है. सरकारी दावा है कि यह 10 दिन में ठीक हो जाएगा, लेकिन तस्वीरें देखकर ऐसा मुमकिन नहीं लगता.
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अब पूरी दुनिया की नजर इस पर है कि किम जोंग इस विफलता के लिए किसे जिम्मेदार ठहराता है और उसे कैसी सजा देता है. किम अपने सनकी फैसलों के लिए कुख्यात है, जिनमें शामिल हैं-
- 2015 में उसने रक्षा मंत्री को तोप से उड़वाया था.
- 2024 में बाढ़ रोकने में नाकाम रहने पर 30 अधिकारियों को मरवा दिया गया.
- अक्टूबर 2022 में दो किशोरों को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वे अमेरिका-दक्षिण कोरिया की वेब सीरीज देख रहे थे.
इसलिए आशंका है कि इस बार भी नेवी चीफ या इंजीनियरों पर भारी गाज गिर सकती है. सवाल यह है कि इस बार किम की सनक किस पर टूटेगी? लेकिन वो सजा क्या होगी और कैसी होगी ये पता नहीं है.
आजतक ब्यूरो