हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़, भारत विरोधी पोस्टर, भारतीयों को कनाडा छोड़ने की धमकियां... खालिस्तानी आतंकियों की इन हरकतों पर ट्रूडो को मांगनी चाहिए माफी

Khalistan Extremism IN Canada: कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद तेजी से बढ़ता जा रहा है, हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. भारतीय उच्चायोग पर हमले तक हो चुके हैं, लेकिन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानियों पर लगाम लगाने की जगह भारत के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुये हैं.

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Justin Trudeau (File Photo) Justin Trudeau (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

हिंदू मंदिरों पर टारगेटेड अटैक, भारत विरोधी पोस्टर और भारतीय उच्चायोग पर हमले कनाडा में अब आम हो चुके हैं. दर्जनों खालिस्तानी आतंकी आए दिन कनाडा के हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और नारेबाजी करने के बाद भी खुलेआम घूमते रहते हैं और एक्शन के नाम पर कनाडा की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है.

दुनियाभर में उच्चायोग और राजनयिकों को कड़ी सुरक्षा दी जाती है, लेकिन कनाडा में खालिस्तानी भारतीय उच्चायोग पर न सिर्फ अटैक करते हैं. बल्कि, ग्रेनेड तक फेंक देते है. खालिस्तानियों की इन हरकतों के बीच कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ऐसे मामलों पर चुप्पी साध रखी है और बिना सबूत भारत पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. आपको बताते हैं कि आखिर क्यों खालिस्तानियों की हरकतों पर जस्टिन ट्रूडो को माफी मांगनी चाहिए. लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि आखिर कनाडा और भारत के रिश्ते अचानक इतने तल्ख क्यों हो गये हैं.

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कनाडा और भारत के बीच क्यों बढ़ीं तल्खियां?

दरअसल, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में 18 जून 2023 को गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्याकांड में भारतीय एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया था, लेकिन जब उनसे सबूत मांगे गये तो कनाडा की तरफ से भारत को कोई सबूत नहीं दिये गये.

14 अक्टूबर 2024 को कनाडा ने हद पार करते हुए इस मामले में भारतीय हाई कमिश्नर के साथ दूसरे राजनयिकों को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' और 'संदिग्ध'बताना शुरू कर दिया. कनाडा के इस आरोप के बाद तल्खियां बढ़ गईं, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कनाडा के 6 डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया और कनाडा में अपने राजदूत संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया.

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इन 6 मामलों पर कनाडा को होना चाहिए शर्मसार

1. ऐसे तो कनाडा में भारत और भारतीयों के खिलाफ काफी कुछ गलत हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा शर्मसार करने वाला मामला भारतीय उच्चायोग पर ग्रेनेड फेंकने का है. ये मामला 23 मार्च 2023 का है, जब वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह को जेल में बंद किया गया. इस दौरान उसके बहनोई अमरजोत सिंह के नेतृत्व में खालिस्तानियों ने ओटावा के भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया. यहां भारत विरोधी नारे लगाये गए और हद तो तब हो गई, जब खालिस्तानी आतंकियों ने उच्चायोग के अंदर दो ग्रेनेड फेंक दिये. 

2. खालिस्तानियों ने दूसरी बार सीमा तब लांघी, जब उन्होंने कनाडा की सड़कों पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाली. 4 जून 2023 को करीब 5 किलोमीटर लंबी झांकी कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में निकाली गई. खालिस्तानियों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी (6 जून) से दो दिन पहले ये परेड निकाली थी.

यह तस्वीर कनाडा के ब्रैम्पटन शहर की है, जहां इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाली गई थी. (File Photo)

3. इन घटनाओं के बाद भी ट्रूडो सरकार खालिस्तानियों पर मूक दर्शक बनी रही, जिससे उनका हौसला और बढ़ गया. 20 सितंबर 2023 को खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के हिंदुओं को खुलेआम धमकी दे डाली कि वे कनाडा छोड़कर भारत लौट जाएं. उसने वीडियो जारी कर कहा,'हिंदुओं कनाडा छोड़ो, भारत जाओ'. 

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4. खालिस्तानियों को जब-जब अपना एजेंडा ध्वस्त होता नजर आता है, वो कनाडा के हिंदू मंदिरों को निशाना बनाना शुरू कर देते हैं. हाल ही में 22 जुलाई 2024 को कनाडा के ए़डमोंटन शहर में स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तानियों ने तोड़फोड़ की थी और दीवार पर पेंट कर भारत विरोधी नारे लिखे थे.

5. हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद 13 अगस्त 2023 को खालिस्तानियों ने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे (Surrey) के एक मंदिर में तोड़फोड़ की थी और मंदिर के मुख्य दरवाजे पर निज्जर की मौत को लेकर जनमत संग्रह के पोस्टर चिपका दिये थे. आरोपियों की यह हरकत मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी में भी कैद हो गई थी. इससे पहले अप्रैल 2023 में ओंटेरियो प्रांत में स्थित BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर में रात के समय तोड़फोड़ की गई थी और दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए थे.

6. खालिस्तानियों ने कनाडा के पत्रकारों तक को नहीं छोड़ा और जिस भी पत्रकार ने उनके एजेंडे पर काम नहीं किया, उस पर भी हमला कर दिया. कनाडा के सांसद चंद्र आर्य को खुद ये मुद्दा वहां की संसद में उठाना पड़ा. चंद्र आर्य ने संसद में खड़े होकर ये बात कही कि कनाडा में खालिस्तानी लगातार पत्रकारों पर हमले कर रहे हैं. उन्होंने कई केस भी गिनाये.

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> खालिस्तानियों ने रेड एफएम कैलगरी के ऋषि नागर पर हमला किया.

> मार्च 2023 में रेडियो AM600 के समीर कौशल पर हमला किया था.

> फरवरी 2022 में ब्रैम्पटन रेडियो होस्ट दीपक पुंज पर खालिस्तानियों की आलोचना करने के लिए हमला किया गया.

> आतंक विरोधी खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन को खालिस्तानी उग्रवाद पर निडर रिपोर्टिंग के लिए जान से मारने की धमकियां दी गईं.

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