'अल-अक्सा मस्जिद में मुस्लिमों की एंट्री रोकी तो...', सुरक्षा एजेंसी ने इजरायल को दी बड़ी चेतावनी!

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच अल-अक्सा मस्जिद विवाद का प्रमुख केंद्र रहा है. मुसलमानों के लिए पवित्र इस मस्जिद को लेकर रमजान से पहले विवाद बढ़ता दिख रहा है. इजरायल ने रमजान के दौरान अरब-इजरायलियों के मस्जिद में प्रवेश पर कुछ पाबंदियां लगा दी हैं जिसे लेकर उसकी सुरक्षा एजेंसी ने उसे चेताया है.

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अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायल-फिलिस्तीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ रहा है (Photo- Reuters) अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायल-फिलिस्तीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ रहा है (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

कब्जे वाले पूर्वी यरूशलम में स्थित अल-अक्सा मस्जिद दशकों से इजरायल और फिलिस्तीन विवाद के केंद्र में रहा है. इजरायल-गाजा युद्ध के बीच इस मस्जिद को लेकर तनाव बढ़ता दिख रहा है. इजरायल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने चेतावनी दी है कि रमजान के दौरान अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश पर लगे कुछ प्रतिबंधों से हमास-इजरायल के बीच लड़ाई और तेज हो सकती है. इजरायल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रमजान के महीने में अरब इजरायली नागरिकों के लिए अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश को सीमित कर दिया है.

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रविवार देर शाम ऐसी रिपोर्ट्स आईं कि कैबिनेट की बैठक में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि रमजान के महीने में मुस्लिमों के अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश पर कुछ पाबंदियां होंगी. इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्विर इस प्रस्ताव को लेकर आए थे जिसे प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्वीकार कर लिया.

इन पाबंदियों ने फिलिस्तीनी मुसलमानों और अरब दुनिया के मुसलमानों को भड़का दिया है. इसी बीच इजरायल की सुरक्षा एजेंसी ने इजरायल को बड़ी चेतावनी दी है. शिन बेत के प्रमुख रोनेन बार ने चेतावनी दी है अरब इजरायलियों पर प्रतिबंध लगाने से गुस्सा भड़केगा और इससे हमास को फायदा होगा.

हमास के खिलाफ इजरायल ने पिछले पांच महीनों से युद्ध छेड़ रखा है. 7 अक्टूबर को हमास ने अचानक से इजरायल पर हमला कर उसके सैकड़ों नागरिकों की हत्या कर दी थी और कइयों को बंधक बना लिया था. हमास के इस हमले के खिलाफ इजरायल ने बड़े पैमाने पर हमास शासित गाजा में युद्ध शुरू किए हैं जिसमें अब तक 29,000 से अधिक लोगों की जान गई है.

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शिन बेट प्रमुख ने इजरायली मंत्रियों को दी चेतावनी 

इजरायली सुरक्षा सेवा के प्रमुख ने कथित तौर पर इजरायली मंत्रियों को चेतावनी दी कि अगर अल-अक्सा परिसर में अरब इजरायलियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया तो हमास के खिलाफ चल रहा इजरायल का युद्ध, धार्मिक युद्ध में बदल सकता है.

रोनेन बार ने कहा, 'इस तरह की कार्रवाइयां यहूदियों और मुसलमानों के बीच युद्ध की झूठी भावना पैदा कर सकती हैं. इजरायली अरबों ने बड़े पैमाने पर हमास के समर्थन में आने से परहेज किया है. अरब इजरायलियों पर प्रतिबंध से केवल नुकसान होगा. उन्होंने युद्ध की शुरुआत के बाद से कोई प्रदर्शन नहीं किया है, और अगर उन पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो यह उन्हें उकसाने जैसा होगा.'

किन लोगों पर होगी पाबंदी?

इजरायल के प्रमुख अखबार टाइम्स ऑफ इजरायल ने दो सूत्रों के हवाले से लिखा है कि रमजान के महीने में 40 साल से कम उम्र के सभी अरब इजरायली अल-अक्सा मस्जिद परिसर में नमाज के लिए नहीं जा सकते हैं. बच्चों और महिलाओं पर यह पाबंदी पहले की तरह ही जारी रहेगी.

इजरायली सुरक्षा अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा है कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर में उपद्रव करने वाले अधिकतर अरब इजरायली या पूर्वी येरूशलम के मुसलमान 40 से कम उम्र के होते हैं. प्रतिबंध उन सभी संस्थाओं से जुड़े लोगों पर भी हैं जिन्हें इजरायली पुलिस या फिर इजरायली सुरक्षी संस्था शिन बेत ने प्रतिबंध लगा रखा है. यह प्रतिबंध रमजान, जो कि 10 मार्च से शुरू हो रहा है, के पहले हफ्ते से लागू हो जाएगा. 

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अल-अक्सा मस्जिद दुनियाभर के मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. यह यहूदियों के लिए भी पवित्र माना जाता है. इजरायली यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं. मस्जिद दशकों से दोनों धर्मों के बीच विवाद का मुख्य केंद्र रहा है.

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