गाजा पट्टी पर पूर्ण रूप से सैन्य नियंत्रण के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रस्ताव को इज़रायल की सुरक्षा कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस फैसले से इजरायल-हमास जंग निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. इज़रायल चाहती है कि इस क्षेत्र से हमास का पूरी तरह से सफाया हो, सभी बंधकों की रिहाई हो और गाजा पट्टी पर सैन्यीकरण को खत्म करना.
इस बीच प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गाजा को लेकर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा, 'हम लोग गाजा पर कब्जा नहीं कर रहे हैं. बल्कि गाजा पट्टी को बस हमास से मुक्त कर रहे हैं. गाजा से सैन्यीकरण को पूरी तरह से हटाया जाएगा और नागरिक सरकार की स्थापना होगी. जो फिलिस्तीन, हमास और या कोई अन्य आतंकवादी संगठन से संबंधित नहीं होगा.'
दुनिया भर के मुल्कों ने इजरायल के फैसले पर क्या कहा?
इज़रायल के कैबिनेट के फैसले की वजह से इज़रायल को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने पड़ रही है. ब्रिटेन और कई यूरोपीय संघ के देशों ने इजरायल को गाजा पर सैन्य कार्रवाई तेज करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.
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ट्रंप के राजदूत का बयान और घरेलू विरोध
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इज़रायल में राजदूत माइक हकाबी ने कहा कि इस फैसले के बाद कई देश इज़रायल और हमास पर दबाव बना रहे हैं.
बेंजामिन नेतन्याहू के इस फैसले पर बंधकों के परिवार और विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं. बंधकों के परिवार का कहना है कि इससे बंधकों के जान को खतरा है. विपक्षी नेता यायर लैपिड ने कहा है कि ये फैसला बिना सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों के ख़िलाफ़ लिया गया है.
इज़रायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि सेना गाजा पर नियंत्रण करके रहेगी. हालांकि, ये साफ़ नहीं किया गया कि पूरे शहर पर कब्जा किया जाएगा या नहीं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने क्या कहा?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इज़रायल और हमास के बीच सीजफायर की अपील की है. उन्होंने लिखा, इज़रायल कैबिनेट द्वारा गाजा पट्टी पर पूरी तरह से सैन्य रूप से कब्जे करने का फैसला ग़लत है. इस पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है.
मीडिया से बात करते हुए राजधानी तेल अवीव के एक होटल व्यवसायी डैनी बुकोवस्की ने कहा है कि यह गाजा में बचे बंधकों के लिए मौत की सजा है.
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