ईरान पर इजरायल ने हमला किया है, राजधानी तेहरान पर बम बरसाए गए. ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है, दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. दोनों ओर से लगातार हमले और पलटवार हो रहे हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है.
इजरायल के हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड चीफ हुसैन सलामी की मौत हो गई है. शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बड़े मिलिट्री अफसर इस हमले में निशाने पर रहे. इजरायल ने ईरान पर अटैक को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' का नाम दिया है.
ईरान पर हमले के बाद इजरायल ने संभावित ड्रोन और मिसाइल हमलों को देखते हुए देशभर में इमरजेंसी घोषित किया है. सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई गई और हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद दावा किया है कि परमाणु बम बनाने में जुटे वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया.
राष्ट्र के नाम संबोधन में नेतन्याहू ने कहा कि मुख्य तौर पर IDF ने परमाणु संवर्धन संयंत्र को निशाना बनाया. साथ ही ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के सेंटर पर भी हमला किया.
नेतन्याहू बोले - इजरायल के अस्तित्व पर जब तक खतरा रहेगा तब तक ईरान पर हमले जारी रहेंगे. यह ऑपरेशन इजरायल के लोगों के सुरक्षा के लिए जरूरी थी.
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ईरान ने हमले के बाद क्या प्रतिक्रिया दी?
इजरायल की ओर से हमले के बाद ईरान सरकार ने शीर्ष सुरक्षा बैठक बुलाई है. स्थानीय मीडिया ने बताया है कि हमले के बाद राजधानी तेहरान में लोगों के बीच घबराहट का माहौल है.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने हमले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इजरायल को इसकी 'कड़ी सजा' मिलेगी.
अमेरिका ने ईरान पर हमले को लेकर क्या कहा?
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि इजरायल ने अमेरिका को सूचित किया था कि यह कार्रवाई आवश्यक थी, हालांकि अमेरिका ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में उसका कोई हाथ नहीं है और वह अपने सैनिकों को सुरक्षित कर रहा है. ईरान ने चेतावनी दी है कि इजरायल की मदद करने वालों पर भी कार्रवाई होगी.
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