हाफिज सईद और उसके बेटे को चुनाव जितवाने में जुटी है ISI

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी हाफिज सईद का साथ चोली दामन की तरह है. यही वजह है कि सरकारी एजेंसी पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों में हाफिज सईद की मदद कर रही है.

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हाफिज सईद और उसके बेटे को चुनाव जितवाने में जुटा ISI हाफिज सईद और उसके बेटे को चुनाव जितवाने में जुटा ISI

दीपक कुमार / जितेंद्र बहादुर सिंह / खुशदीप सहगल

  • नई दिल्‍ली,
  • 03 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी हाफिज सईद का साथ चोली दामन की तरह है. यही वजह है कि सरकारी एजेंसी पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों में हाफिज सईद की मदद कर रही है.

दरअसल, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने हाफिज की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग की मान्यता रिजेक्ट कर दी है. लेकिन ISI हाफिज सईद और उसके बेटे ताल्हा सईद को पाक के चुनाव में पीछे से समर्थन दे रही है. यह खुलासा भारतीय खुफिया एजेंसियों ने किया है. भारतीय एजेंसी के मुताबिक ISI पाक में खालिस्तानी आतंकी संगठनों और हाफिज सईद के साथ मीटिंग कर चुनाव के दौरान हाफिज और उसके बेटे की मदद करने के लिए कहा है.

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सूत्रों के मुताबिक इसके बदले पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसी ISI इन खालिस्तानी आतंकियों की मदद पंजाब में आतंक फैलाने के लिए करेगी.

आजतक के पास मौजूद खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ISI ने इसके लिए पाक में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों के चीफ और हाफिज सईद की मीटिंग कराई है. इस मीटिंग में ISI के अधिकारियों के साथ-साथ हाफिज और उसका बेटा मौजूद था.

इस मीटिंग में BKI के प्रमुख वाधवा सिंह और सदस्य मेहाल सिंह बब्बर भी शामिल रहे. इसके अलावा मीटिंग में खालिस्तान जिंदाबाद के चीफ रंजीत सिंह, KCF के चीफ पराजीत सिंह और DKI के गजेंद्र सिंह भी शामिल रहे.

इस मीटिंग और पाक आईएसआई की चाल के बारे में जब हमने सुरक्षा मामलों के जानकार पीके सहगल से बात की तो उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में चाहे खालिस्तानी आतंकी या आईएसआई या फिर पाकिस्तान आर्मी हाफिज सईद की मदद कर ले, लेकिन उसको पाकिस्तान में कोई भी सफलता चुनाव में नहीं मिलने वाली है. जहां तक सिख कम्युनिटी की बात है उनकी आंखें खालिस्तानी आतंकियों और हाफिज सईद के बारे में खुल चुकी हैं'

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उन्होंने आगे कहा, 'अफगानिस्तान में जिस तरीके से सिख कम्युनिटी के ऊपर बड़ा आतंकी हमला हुआ वैसे में यह साफ तौर पर स्थिति समझ में आ गई है. इन सब के पीछे किसी न किसी रूप में पाकिस्तान का हाथ हो सकता है. आईएसआई का एक ही मकसद है कि उसने जम्मू कश्मीर में जो हालात बना रखे हैं उसी तरह के हालात पंजाब में भी बनाने की सोच रहे हैं.'

सहगल ने कहा, '1984 के बाद से ही इस तरीके का काम पाकिस्तान की तरफ से पंजाब में किया जा रहा है और इसके लिए उकसा रहा है. इसी वजह से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई खालिस्तानी आतंकियों की मीटिंग हाफिज सईद से करा रहा है. मकसद एक ही है कि आप हमारी चुनाव में मदद करिये और हम आपको पंजाब में आतंक फैलाने के लिए मदद करेंगे.'

पाकिस्तान की चाल को लेकर एमएस बिट्टा ने आजतक से बातचीत में कहा, 'खालिस्तानी आतंकी किस तरीके के हैं, इन की पूरी हिस्ट्री मैं जानता हूं. आतंक को समाप्त करने के लिए सभी राजनीतिक दल को मिलजुल कर काम करना चाहिए. मैं यह जानना चाहता हूं कि इसको लेकर राजनीतिक दलों का क्या रोल रहा है.'

यह पहली बार हुआ है कि ऐसे आतंकी खालिस्तानी संगठन खुलकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ आये हैं. इसके वीडियो भी आ चुके हैं. यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है. यह सब भारत में पंजाब के खिलाफ बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए हो रहा है. बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के मतदान होने वाले हैं.

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