ईरान बोला- हम ना होते तो मक्का भी आतंकवादियों के हाथ में होता

ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि मध्य-पूर्व की स्थिति आज ऐसी नहीं होती अगर ईरान क्षेत्र के देशों की मदद नहीं करता. मंत्री ने कहा है कि इस्लामिक देश भी मानते हैं कि क्षेत्र की स्थिरता और शांति के लिए ईरान कितना महत्वपूर्ण है.

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ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन (Photo- Reuters) ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST
  • ईरान के विदेश मंत्री कासिम सुलेमानी को लेकर बोले
  • कहा- ईरान और सुलेमानी नहीं होते तो मक्का इस्लामिक स्टेट के कब्जे में होता
  • मध्य-पूर्व के देशों पर भी की बात

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि अगर ईरान और कुद्ज फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी नहीं होते तो इस्लाम का पवित्र स्थल मक्का आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के कब्जे में होता. विदेश मंत्री ने कहा है कि ईरान सीरिया और इराक जैसे देशों की इस्लामिक स्टेट से लड़ने में मदद नहीं करता तो मध्य-पूर्व की स्थिति ऐसी नहीं होती, जैसी आज है.

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हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने अलजजीरा को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कही हैं. ईरान के विदेश मंत्री ने कहा, 'ईरान को इस क्षेत्र में किस बात ने मजबूत बनाया? अमेरिका द्वारा शहीद सुलेमानी के मारे जाने की दूसरी बरसी पर, हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि ईरान हमेशा से इस क्षेत्र में तरक्की के पक्ष में रहा है और रहेगा.'

ईरान के विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'अगर ईरान और जनरल सुलेमानी ने ISIS और अन्य आतंकी संगठनों से लड़ने में इस क्षेत्र के देशों, खासकर, सीरिया और इराक का सहयोग नहीं किया होता तो ये क्षेत्र वैसा नहीं दिखता जैसा आज दिख रहा है. मक्का ISIS और आतंकवादियों के कब्जे में होता.'

ईरान के विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि दूसरे देश सोचते हैं कि ऐसा करके हम इस क्षेत्र के देशों के आंतरिक मामलों में दखल देते हैं, लेकिन ये सही नहीं है. 

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उन्होंने कहा, 'हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारी मिसाइलें क्षेत्र के दुश्मनों की ओर लक्षित हैं, ईरान के दुश्मनों की तरफ और इस्लामिक दुनिया के दुश्मनों की तरफ. मेरा मानना है कि इस क्षेत्र और इस्लामिक वर्ल्ड के हमारे मित्र देश भी क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए हमारी जरूरत को समझ चुके हैं.'

कौन थे कासिम सुलेमानी?

कासिम सुलेमानी की बात करें तो, वो ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे. ईरान में वो सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई के बाद दूसरे सबसे ताकतवर शख्स थे. अमेरिका ने ईरान के कुद्स फोर्स को आतंकवादी संगठन करार दे दिया था और सुलेमानी को अपने सबसे बड़े दुश्मनों में एक मानता था.

3 जनवरी 2020 को अमेरिकी एयरस्ट्राइक में कासिम सुलेमानी को मार गिराया गया था. ये घटना अमेरिका के लिए बहुत अहम थी. तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को राष्ट्रीय गर्व से जोड़ा था.

सुलेमानी की मौत के बाद ईरान में तीन दिनों का शोक मनाया गया था. ईरान के सुप्रीम लीडर अयोतुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा था कि हमले के अपराधियों से बदला लिया जाएगा. 

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