बांग्लादेश में सभी भारतीय वीजा केंद्र अनिश्चित काल के लिए बंद, केंद्र सरकार का अहम फैसला

हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र ने अपनी वेबसाइट पर आवेदकों को सूचित किया कि आवदेन फिलहाल बंद कर दिए गए हैं और अगली तिथि के बारे में आवेदकों को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा.

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बांग्लादेश में भारतीय वीज़ा केंद्र अनिश्चित काल के लिए बंद बांग्लादेश में भारतीय वीज़ा केंद्र अनिश्चित काल के लिए बंद

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में सभी भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र अगले नोटिस तक बंद कर दिए हैं. इसी हफ्ते की शुरुआत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी. ताजा हालातों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.

भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र ने अपनी वेबसाइट पर आवेदकों को सूचित किया है कि अगली तिथि के बारे में एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा और पासपोर्ट अगले कार्य दिवस पर एकत्र किए जाएंगे. नोटिस में कहा गया है, "अस्थिर स्थिति के कारण सभी भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र अगले नोटिस तक बंद रहेंगे. अगली आवेदन तिथि एसएमएस के माध्यम से सूचित की जाएगी और अनुरोध है कि पासपोर्ट अगले कार्य दिवस पर प्राप्त करें."

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बांग्लादेश में सभी मिशन कर रहे हैं काम

सूत्रों ने बताया कि सोमवार को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद भारत द्वारा ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग से 190 गैर-आवश्यक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को निकाला और उसके बाद यह घोषणा की गई. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि सभी राजनयिक बांग्लादेश में ही हैं और मिशन काम कर रहे हैं. ढाका में उच्चायोग के अलावा, चटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में भारत के सहायक उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास हैं.

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इस वजह से चली गई हसीना सरकार

जून में, मुख्य रूप से छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन एक विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली को लेकर शुरू हुआ, जिसमें 1971 में मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. शुरू में शांतिपूर्ण रहे ये विरोध प्रदर्शन पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने के बाद हिंसक हो गए. इसके बाद प्रदर्शनों ने शेख हसीना के 15 साल के शासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन कर दिया, जिसमें 76 वर्षीय नेता के इस्तीफे की मांग की गई थी.

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 शेख हसीना के इस्तीफा देने और सोमवार को अपनी बहन के साथ बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के बावजूद, अशांति जारी है और हिंदुओं के सैकड़ों घरों और व्यवसायों तथा मंदिरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की जा रही है. गुरुवार को, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सेना समर्थित अंतरिम सरकार हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच शपथ लेने वाली है. इस बीच, भारत सरकार शेख हसीना के लिए एक यूरोपीय देश में शरण सुनिश्चित करने पर काम कर रही है.

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