Ukraine Crisis: हम बंकर में छिपे हैं, यहां बम गिर रहे....नवीन की मौत के बाद खारकीव में फंसे छात्र ने मांगी मदद

छात्र ने वीडियो जारी कर बताया कि उसका नाम आशुतोष है. वह तमिलनाडु के चेन्नई का रहने वाला है. अभी खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. आशुतोष ने बताया कि खारकीव में स्थिति काफी खराब है. यहां बम गिराए जा रहे हैं और फायरिंग हो रही है.

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aajtak.in

  • खारकीव,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST
  • छात्र ने वीडियो जारी कर बताया कि उसका नाम आशुतोष
  • तमिलनाडु के चेन्नई का रहने वाला है आशुतोष

यूक्रेन के खारकीव में रूसी हमले में भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई. नवीन कर्नाटक का रहने वाला था. नवीन की मौत के बाद खारकीव में फंसे अब एक और भारतीय छात्र ने वीडियो जारी कर मदद मांगी है. छात्र ने बताया कि खारकीव में बम गिर रहे हैं, लगातार गोलीबारी हो रही है. ऐसे में लोगों को बंकरों में रहना पड़ रहा है.

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छात्र ने वीडियो जारी कर बताया कि उसका नाम आशुतोष है. वह तमिलनाडु के चेन्नई का रहने वाला है. अभी खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. आशुतोष ने बताया कि खारकीव में स्थिति काफी खराब है. यहां बम गिराए जा रहे हैं और फायरिंग हो रही है.

'खाना लाने गया था नवीन'

आशुतोष ने कहा, दुर्भाग्य है कि आज एक भारतीय छात्र की मौत हो गई. जब वह खाना लाने की कोशिश कर रहा था. उन्होंने कहा, हम बंकर और बेसमेंट में रह रहे हैं. यहां बिजली नहीं है, इसलिए हम अपने घरवालों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. हमारी मदद कीजिए. हमें आपकी मदद की जरूरत है. इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा दो. हम सभी डरे हुए हैं. हमें यहां से निकालने में मदद कीजिए. 

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भारत सरकार ने कहा- खारकीव में बिगड़ते हालात चिंता का विषय

उधर, भारतीय छात्र की मौत पर केंद्र सरकार ने कहा कि खारकीव में बिगड़ते हालात चिंता का विषय हैं. खारकीव में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमने पहले ही रूसी और यूक्रेनी दूतावासों से खारकीव और अन्य संघर्ष वाले क्षेत्रों से छात्रों समेत सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया है. 

सरकार ने कहा, यह मांग इस गतिरोध की शुरुआत यानी 24 फरवरी से लगातार यूक्रेन और रूस के सामने की जा रही है. यह जरूरी है कि रूस और यूक्रेन सुरक्षित मार्ग की हमारी आवश्यकता पर तत्काल जवाब दे. सरकार ने कहा, जहां संघर्ष नहीं हो रहा है, वहां निकासी आसानी से हो रही है. अभी तक 9000 लोग यूक्रेन से बाहर आए हैं. सुरक्षित स्थानों पर काफी कम संख्या में भारतीय लोग हैं. हम यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना जारी रखेंगे. 


 

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