'हां, पाकिस्तान आतंकियों का मददगार...', जंग के बीच खुलकर भारत के सपोर्ट में आया अमेरिका

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने आगे कहा, “कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है. दुनिया ने इस तरह की हिंसा को नकारा है. हम पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हैं.”

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अमेरिका खुलकर आया भारत के समर्थन में अमेरिका खुलकर आया भारत के समर्थन में

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

भारत-पाकिस्तान के बीच जारी भीषण तनाव और हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया है और साफ किया है कि वह लंबे समय से इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करता आया है. 

अमेरिकी विदेश विभाग ने कश्मीर में हुई हिंसा को "अवैध और अस्वीकार्य" करार देते हुए इसे वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया है. अमेरिका का यह बयान भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलने की ओर संकेत करता है.

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पाकिस्तान दे रहा है आतंकियों को समर्थन

एक प्रेस ब्रीफिंग में जब अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से पूछा गया कि क्या वह भारत के इस आरोप से सहमत है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को समर्थन दे रहा है, तो प्रवक्ता ने जवाब में कहा, “बिलकुल, आज की दुनिया में यह कोई नई बात नहीं है. यह वह मुद्दा है जिसे हम दशकों से उठाते आ रहे हैं. यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे हम मध्य पूर्व में भी देख चुके हैं, जहां इसी तरह की हरकतों ने आम जनजीवन को बर्बाद किया है.”

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प्रवक्ता ने आगे कहा, “कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है. दुनिया ने इस तरह की हिंसा को नकारा है. हम पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हैं.”

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यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है. भारत ने कश्मीर में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए जवाबी कार्रवाई की है. भारत का स्पष्ट आरोप है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को पनाह देता है और उसे भारत में हमले के लिए उकसाता है.

संवाद को दी जाए प्राथमिकता

ब्रूस ने आगे कहा कि बीते कुछ हफ्तों में हुए आतंकवादी हमले के बाद हालात बेहद चिंताजनक हुए हैं, लेकिन यह जरूरी है कि मौन न अपनाया जाए बल्कि संवाद को प्राथमिकता दी जाए. अमेरिका की भूमिका इन बातचीतों में केंद्र में रही है और पिछले दो दिनों में दोनों देशों के कई वरिष्ठ नेताओं से अमेरिका ने संपर्क साधा है. जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अमेरिका मध्यस्थता की भूमिका निभाने को तैयार है, तो टैमी ब्रूस ने कहा, "यह एक बेहद संवेदनशील और खतरनाक स्थिति है. हम ऐसी किसी भी कूटनीतिक बातचीत के विवरण साझा नहीं करते."

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आपको बता दें कि आतंक के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान गुरूवार को जम्मू कश्मीर से लेकर जैसलमेर तक हिन्दुस्तान के करीब 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया. भारतीय सीमा में दाखिल होने वाले ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू विमान...एक के बाद एक मार गिराए और इसके बाद देर रात इंडियन आर्मी के जवाबी हमले से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। कराची, लाहौर, सियालकोट, पेशावर समेत कई शहरों में जल-थल और वायु सेना ने मिलकर ताबड़तोड़ वार किए.

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