'...तो तबाह हो जाएंगे ट्रूडो', भारत से भिड़े कनाडा को पूर्व डिप्लोमैट ने दी चेतावनी

कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो जब जी20 सम्मेलन के लिए भारत में थे तब पीएम मोदी ने उनके सामने खालिस्तान का मुद्दा उठाया था. कहा गया कि इस मुद्दे को लेकर ट्रूडो को अलग-थलग कर दिया गया था. अब ट्रूडो ने भारत पर एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या में संलिप्तता के संगीन आरोप लगाए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बहुत बड़ा आरोप है जिसे साबित न कर पाने की सूरत में ट्रूडो को अपने राजनीतिक करियर से हाथ धोना पड़ सकता है.

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ट्रूडो ने भारत सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं (Photo- AFP) ट्रूडो ने भारत सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं (Photo- AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत सरकार पर आरोपों को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत सरकार पर संलिप्तता के आरोप लगाए हैं. ट्रूडो के इस गंभीर आरोप पर भारत के पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा ने उन्हें आड़े हाथ लिया है. पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने कहा है कि ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, वो अस्वीकार्य हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी. उनका कहना है कि ट्रूडो ने जो किया है, उसके बाद से वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

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इंडिया टुडे से बात करते हुए दीपक वोहरा ने कहा, 'जब मैं डिप्लोमैट हुआ करता था तब कनाडा उच्चायोग के एक अधिकारी ने मुझसे कहा था कि हम जानते हैं लेकिन मैच्योरिटी दिखाते हुए इस बात को बाहर नहीं आने देते... लेकिन यह आदमी (जस्टिन ट्रूडो) बेवकूफ है. याद है जब वो तीन साल पहले भारत आए थे...अपने साथ कुछ खालिस्तानियों को साथ लेकर आए थे. वो बेवकूफी भरी हरकतें करते हैं. विदेशी रिश्ते ऐसे नहीं निभाए जाते.'

पूर्व राजनयिक ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, उससे कनाडा में रहने वाला भारतीय समुदाय मुश्किल में पड़ सकता है. उन्होंने कहा, 'कनाडा में भारतीय समुदाय का बहुत मान है. इस आरोप के बाद कनाडा में उनके मान-सम्मान, उनकी खुशियों पर असर होगा.'

कनाडा की Kwantlen Polytechnic यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर शिंदर पोरेवल का कहना है कि अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए ट्रूडो ने जानबूझकर यह आरोप लगाया है.

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उन्होंने कहा, 'ट्रूडो के आरोप की अगर आप बात करें तो, आज कनाडा की संसद का पहला दिन था. ट्रूडो के पास बात करने के लिए कोई मुद्दा नहीं था... उनकी लोकप्रियता तेजी से खत्म हो रही है... वो जगमीत सिंह (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद) के समर्थन से सत्ता में हैं. उन्होंने बिना किसी आधार के इस मुद्दे को उछाल दिया है. आपको समझना होगा कि अगले चुनाव में वो जीतकर नहीं आने वाले.'

'चुनाव नजदीक है, इसलिए कर रहे विदेशी हस्तक्षेप की बात'

वहीं, पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुनणायत ने कहा कि जब चुनाव नजदीक होते हैं तब बहुत से देश विदेशी हस्तक्षेप की गुगली डालते हैं.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने सभी तरह के सबूत दिखाकर ट्रूडो को चुप करा दिया. इसके बाद किसी तरह की कार्रवाई करने के बजाए उन्होंने विदेशी हस्तक्षेप का मुद्दा उछाल दिया. अपनी गिरती लोकप्रियता को बचाने और अपनी गठबंधन सरकार को सत्ता में बनाए रखने के लिए वो ये सब कर रहे हैं. लेकिन यह बहुत ही खतरनाक है क्योंकि अगर वो भारत सरकार पर लगाए आरोपों को साबित नहीं कर पाए तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी.'

'ट्रूडो अब पलटवार कर रहे हैं'

भारत सरकार सालों से कहती आ रही है कि कनाडा की धरती का इस्तेमाल खालिस्तानी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे हैं. कनाडा की सरकार भारत सरकार की चिंताओं पर कोई कदम उठाने के बजाए उल्टा आरोप लगा रही है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता थी.

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इसे लेकर कनाडा के एक पत्रकार और खालिस्तान आंदोलन पर किताब लिख चुके टैरी मिलेव्स्की ने कहा, 'ट्रूडो पोल्स में अपने विपक्षियों से पिछड़ रहे हैं. जी20 में उन्हें अलग-थलग रहना पड़ा. खालिस्तान के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहीं न कहीं उन्हें नीचा दिखाया. इसलिए अब वो पलटवार कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत सरकार पर जो आरोप लगाए हैं, उसे साबित नहीं कर पाए तो उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा.

उन्होंने कहा, 'कनाडा सरकार ने यह शुरू किया है इसलिए यह वक्त उनके लिए बेहद मुश्किल होने वाला है. भारत ने तो प्रतिक्रिया में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को वापस कनाडा जाने का आदेश दे दिया है. ऐसे में कनाडा के लिए यह जरूरी हो जाता है कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उसे साबित करके दिखाए. कनाडा की सरकार को कोई ठोस सबूत लेकर आना होगा नहीं तो ट्रूडो तबाह हो जाएंगे.'

घरेलू राजनीति के लिए द्विपक्षीय संबंधों को खटाई में डाला

भू राजनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि ट्रूडो ने अपनी घरेलू राजनीति के लिए भारत के साथ संबंधों को खटाई में डाल दिया है.

उन्होंने लिखा, 'कनाडा और भारत दोस्त हैं, दुश्मन नहीं. लेकिन ट्रूडो ने कनाडा में सिख कट्टरपंथियों के साथ अपने राजनीतिक गठबंधन के कारण भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है. सिख आतंकवादियों के प्रति नरम रुख अपनाने के कारण ही हाल ही में जब वो भारत आए थे तब मोदी ने उन्हें फटकार लगाई थी. इसके बाद ट्रूडो ने दावा किया है कि कनाडा के सिख चरमपंथी की हत्या में भारत के संभावित संलिप्तता के विश्वसनीय आरोप है.'

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उन्होंने आगे लिखा, 'हत्या के तीन महीने बाद भी अब तक किसी पर आरोप तय नहीं किया गया है. न ही ट्रूडो ने यह बताया कि उनकी सरकार हत्या के लिए किसे दोषी मानती है. लेकिन अब उन्होंने बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाए हैं जिससे राजनयिकों के निष्कासन को बढ़ावा मिला है और यह कनाडा-भारत संबंधों को निचले स्तर पर ले जाएगा.'

संसद में क्या कहा था ट्रूडो ने?

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और आतंकवादी घोषित कर रहा था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी था. 18 जून 2023 में कनाडा के Surray शहर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी. कनाडाई पुलिस ने कहा था कि निज्जर को दो हमलावरों ने गोली मारी थी. हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. 

अब निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत पर उंगली उठाई है. सोमवार को उन्होंने कनाडा की संसद में कहा, 'कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.'

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ट्रूडो ने संसद में आगे कहा, 'कनाडा ने भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया है. पिछले हफ्ते मैंने जी20 में व्यक्तिगत तौर पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी के सामने यह मुद्दा उठाया था.'  ट्रूडो ने कहा कि भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों में गुस्सा है और शायद वो डरे हुए भी हैं.

भारत-कनाडा के रिश्तों में बढ़ी कड़वाहट

इसके बाद कनाडा ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा की. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम भारत के एक प्रमुख राजनयिक को निष्कासित कर रहे हैं. लेकिन हम इसकी तह तक जाएंगे, अगर यह सब सच साबित हुआ तो यह हमारी संप्रभुता और एक-दूसरे का सम्मान करने के बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा.'

भारत ने कनाडा सरकार की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि कनाडा में हिंसा की किसी भी घटना में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके और मोटिवेटेड हैं.

भारत ने प्रतिक्रिया में मंगलवार को कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें कनाडा के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की सूचना दी. भारत ने कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने के लिए पांच दिनों का वक्त दिया है.

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