अमेरिका में हनुमान प्रतिमा पर विवाद खड़ा करने वालों को बराक ओबामा से ये सीख जरूर लेनी चाहिए

अमेरिका के टेक्सास में स्थापित 90 फीट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति को लेकर विवाद छिड़ गया है. मूर्ति को स्टेच्यू ऑफ यूनियन कहा गया था क्योंकि हनुमानजी ने राम और सीता को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी हनुमान जी में आस्था रखते थे.

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पूर्वराष्ट्रपति बराक ओबामा ने हनुमानजी के प्रति आस्था की बात कही थी पूर्वराष्ट्रपति बराक ओबामा ने हनुमानजी के प्रति आस्था की बात कही थी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

अमेरिका के टेक्सास में हनुमानजी की एक मूर्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बीते साल (23 अगस्त 2024) को अमेरिका के टेक्सास में बजरंगबली की 90 फीट ऊंची यह भव्य मूर्ति स्थापित की गई थी. उद्घाटन के साथ ही इस प्रतिमा को स्टेच्यू ऑफ यूनियन का नाम दिया गया था. कांसे की बनी प्रतिमा को यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि हनुमान जी ने श्रीराम और सीता माता को मिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

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अमेरिका में हनुमान जी को बताया जा रहा डेमन गॉड 
अब इसके विरोध में स्थानीय चर्च आ गए हैं और इसे डेमन गॉड तक कह दिया. मूर्ति मंदिर परिसर में होते हुए भी काफी ऊंची है और दूर से दिखती है. इस बात पर कट्टरपंथी और विरोध करने लगे. ट्रंप की ही पार्टी के नेता ने. अलेक्जेंडर डंकन, जो कि रिपब्लिकन के नेता हैं, उन्होंने कहा कि, हम क्यों एक झूठी मूर्ति को यहां रहने दे रहे हैं? हम एक क्रिश्चियन देश हैं. 

यह वही अमेरिका है जो दुनियाभर में 'लोकतांत्रिक होने और पंथ निरपेक्षता' दंभ भरता है. बल्कि अमेरिका को एक बार झांककर अपने पूर्व राष्ट्रपति की ओर भी देखना चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि वह हनुमानजी की एक छोटी प्रतिमा अपने पास रखते हैं और यह उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है, जब भी कभी वह थका हुआ महसूस करते हैं, हनुमानजी की प्रतिमा उन्हें नए उत्साह से लबरेज करती है. यह प्रतिमा उनके लिए भाग्यशाली है. 

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...जब ओबामा ने दिखाई थी हनुमानजी में आस्था
यह बात साल 2016 की है, जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे. इस दौरान यूट्यूब के साथ व्हाइट हाउस ने उनका एक इंटरव्यू रखा था. इस बातचीत के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे थे. इस दौरान जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा गया कि वह अपनी व्यक्तिगत महत्व की कुछ चीजों के बारे में बताएं. तब उन्होंने अपनी जेब से कई छोटी चीजें निकालीं. इन चीजों में शामिल थीं, पोप फ्रांसिस से मिली मनकों की माला, एक भिक्षु से मिली बुद्ध की छोटी प्रतिमा, कुछ छोटे स्मृति चिह्न और हिंदू देवता हनुमानजी की एक प्रतिमा. उन्होंने हनुमानजी की प्रतिमा के लिए कहा- 'यह उनमें से एक है, जो मुझमें विश्वास भर देता है.'

ओबामा ने कहा था- 'मैं हमेशा इन्हें अपने पास रखता हूं. हालांकि इन चीजों को देखकर मुझे अंधविश्वासी नहीं समझना चाहिए. जरूरी नहीं कि मैं इन्हें पास में रखूं ही रखूं, लेकिन ये मेरी बहुत व्यक्तिगत चीजें हैं. खास बात है कि ये चीजें मुझे 'अपने सफर में अब तक मिले अलग-अलग लोगों की' याद दिलाती हैं.'

बता दें कि जब टेक्सास में यह स्टेच्यू स्थापित हुआ था और इसका उद्घाटन किया गया था तब पूरे अमेरिका में इसे एक सकारात्मक पहल के तौर पर देखा गया था. यह मूर्ति अमेरिका में स्थापित धार्मिक मूर्तियों में से एक सबसे ऊंची मूर्तियों में शामिल थी, इससे ऊंची केवल स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और पेगासस की ड्रैगन की मूर्तियां हैं, जो अमेरिकी इतिहास और संस्कृति के प्रतीक मानी जाती हैं.
लेकिन, आज इस मूर्ति को लेकर ऐसा क्या हुआ कि इसे अमेरिकी 'डेमन गॉड' बता रहे हैं. असल में टेक्सास में यह प्रतिमा जहां है वहां पहले से कई चर्च हैं. 90 फीट ऊंची यह प्रतिमा दूर से ही नजर आती है, इसलिए चर्च के संरक्षकों को इससे 'आइडेंटिटी क्राइसिस' जैसे खतरे नजर आते होंगे. बता दें कि स्थानीय चर्च पहले से ही स्टेच्यू के विरोध में थे.

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शक्ति और करुणा का प्रतीक है हनुमानजी का स्टेच्यू
बता दें कि, शक्ति और करुणा की प्रतीक यह मूर्ति वास्तु में अद्भुत है. इस विशाल मूर्ति का निर्माण भारतीय वास्तुकला के अद्भुत नमूने के रूप में किया गया है. मूर्ति में हनुमानजी की शक्तिशाली और करुणामयी छवि नजर आती है, जिसमें नीचे की ओर टिकी उनकी गदा उनके सामर्थ्य का प्रतीक है. यह प्रतिमा धार्मिक महत्व की तो है ही, साथ ही वास्तुकला और इंजीनियरिंग का भी अद्वितीय उदाहरण है. इससे पहले भी अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में भारतीय देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की गई है, लेकिन 90 फीट ऊंची बजरंग बली की यह मूर्ति अपनी भव्यता और महत्व के कारण खास बनी हुई है.

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