रहम की भीख मांगने कोर्ट पहुंचा आतंकी हाफिज सईद, केस रद्द करने की लगाई गुहार

पाकिस्तान के बैन आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद वित्तपोषण मामले को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी है. इसके साथ ही कुछ अन्य आतंकियों ने भी इस मामले में लाहौर हाई कोर्ट का रुख किया है.

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हाफिज सईद (फाइल फोटो) हाफिज सईद (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

पाकिस्तान के बैन आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद वित्तपोषण मामले को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी है. इसके साथ ही कुछ अन्य आतंकियों ने भी इस मामले में लाहौर हाई कोर्ट का रुख किया है.

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सईद के साथ कई आतंकवादियों ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद के मामले को चुनौती दी है. इनमें कुख्यात अब्दुर रहमान मक्की, आमिर हमजा, एम यहया अजीज और चार अन्य शामिल हैं. इन सभी ने पाकिस्तान की केंद्र सरकार, पंजाब प्रांत की सरकार और देश के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) को प्रतिवादी बनाया है.

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इन सभी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा या इन जैसे अन्य संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है. ये राज्य के खिलाफ किसी कार्रवाई में कभी शामिल नहीं रहे हैं. याचिका में इन आतंकियों ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों के लिए 'भारतीय लॉबी' को जिम्मेदार ठहराया है. इसमें कहा गया है कि सईद को मुंबई के आतंकी हमलों के लिए 'भारतीय लॉबी' के जरिए मास्टरमाइंड बताना वास्तविकता पर आधारित नहीं है.

क्या है मामला

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में पंजाब के सीटीडी ने आतंकी वित्तपोषण के मामले में सईद और उसके 12 अन्य सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए थे. इन पर आरोप लगाया गया है कि पांच ट्रस्ट के माध्यम से ये आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया करा रहे हैं. सीटीडी ने कहा था कि उसने आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ लाहौर, गुजरांवाला और मुलतान में मामले दर्ज कराए हैं.

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पाकिस्तान ने यह कदम आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए उस पर पड़े अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद उठाया था. आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तान को 'ग्रे' सूची में डाला हुआ है और उसे इसमें सुधार के लिए अक्टूबर तक की डेडलाइन दी है.

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