गैस की जगह चूल्हे पर खाना, कार की जगह गधा गाड़ी का इस्तेमाल... गाजा में ईंधन की भारी किल्लत

हमास के साथ जारी युद्ध के बीच इजरायल की ओर से गाजा में जरूरी सामान और ईंधन की सप्लाई में कटौती की गई है जिससे आम लोगों के सामने संकट पैदा हो गया है. लोग कई जगह पेट्रोल पंपों के सामने कतार लगाकर खड़े होकर तेल ले रहे हैं.

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शव को गधा गाड़ी पर ले जाते हुए गाजा पट्टी के लोग शव को गधा गाड़ी पर ले जाते हुए गाजा पट्टी के लोग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST

इजरायल और हमास की जंग बीते 20 दिन से जारी है.गाजा पट्टी पर इजरायल द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के बाद वहां हालात बदतर होते जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने कहा है कि फिलिस्तीन में हमले का असर आम जन-जीवन पर पड़ रहा है जिसकी वजह से जीवन रक्षक संसाधनों, विशेष रूप से ईंधन की किल्लत हो गई है. 

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लकड़ी जलाकर खाना बना रहे हैं लोग

कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जहां गाजा निवासी पेट्रोल के लिए कतार में खड़े हैं. ईंधन की कमी के बीच लोग लकड़ी से आग जलाकर चूल्हे पर खाना बना रहे हैं. चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (सीजीटीएन) द्वारा कुछ फुटेज जारी किए गए हैं, जिसमें गाजा के लोग खाली कंटेनरों के साथ गैस स्टेशनों पर लाइन में खड़े होकर, अपने मोटरों और वाहनों को चलाने के लिए जरूरी डीजल और ईंधन खरीद रहे हैं. यहां लोगों की लंबी कतारें हैं. 

गैस की कमी होने की वजह से चूल्हों में बन रहा है खाना

शवों को गधागाड़ी में ले जा रहे हैं कब्रिस्तान

वहीं गाजा के खान यूनिस के लोग शवों को कब्रिस्तान में दफनाने के लिए परिवहन के वैकल्पिक तरीके अपना रहे हैं, क्योंकि ईंधन की कमी के कारण उन्हें कारों का उपयोग करने में कठिनाई हो रही थी. इमारत ढहने से मारे गए एक व्यक्ति के रिश्तेदारों ने उसके शव को गधे द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी यानि गधा गाड़ी पर लाद दिया और भीड़भाड़ वाली सड़कों से गुजरते हुए परिजन शव के साथ बैठे गए.

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आपको बता दें कि गाजा पट्टी में इजरायली बमबारी से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग दूसरे स्थानों के लिए पलायन कर गए हैं, लेकिन जो बचे हैं वे इजरायल की ओर से बिजली सप्लाई ठप होने से अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. बिजली पानी के अलावा ट्रांसपोर्टेशन ठप होने से लोग भोजन की कमी से बेहाल हैं. 

2.3 मिलियन लोगों की आबादी वाला गाजा काफी हद तक इजरायल पर निर्भर करता है. गाजा में पीने का पानी, खाद्य आपूर्ति, बिजली और ईंधन सब कुछ इजरायल से सप्लाई होती है.जब नाकाबंदी लागू की गई तो इजरायली अधिकारियों ने गाजा को दी जाने वाली बिजली और ईंधन में कटौती करने का फैसला किया. इजरायल का मानना है कि हमास इसका फायदा उठा रहा है.

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करीब 8 हजार लोगों की मौत

फिलिस्तीन के संगठन हमास और इस्लामिक जिहाद ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर भीषण हमला किया था. इस हमले में 1400 लोगों की मौत हुई है. जबकि 5000 से ज्यादा लोग घायल हैं. इतना ही नहीं हमास और इस्लामिक जिहाद ने 220 नागरिकों को अभी भी बंधक बना रखा है. 

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इन हमलों के जवाब में गाजा पट्टी में इजरायल की भीषण बमबारी जारी है. अब तक इजरायली हमलों में 6500 लोगों की मौत हो चुकी है. गाजा हेल्थ मिनिस्ट्री का दावा है कि इनमें से 2700 बच्चे थे. वहीं, 17000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं.

नेतन्याहू का बयान

इस बीच, बुधवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार सुरक्षा में चूक को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, 7 अक्टूबर को सुरक्षा में चूक हुई और हमास के आतंकियों ने घुसकर नागरिकों के साथ बर्बरता की है. सुरक्षा में खामियों पर हर किसी की जवाबदेही तय की जाएगी. यहां तक कि मैं खुद जवाबदेही में शामिल हूं. बुधवार को नेतन्याहू ने कहा, हम जमीनी हमले की तैयारी कर रहे हैं. मैं यह नहीं बताऊंगा कि कब, कैसे? मैं उन विचारों के बारे में भी विस्तार से नहीं बताऊंगा, जिनमें से अधिकांश के बारे में जनता को जानकारी नहीं है. ऐसा ही होना चाहिए. यही तरीका है, जिससे हम अपने सैनिकों की जान की रक्षा कर सकते हैं.

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