फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ जारी किया अरेस्ट वारंट, जानें क्या है पूरा मामला

फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद समेत चार लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. ये मामला साल 2013 में विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए केमिकल हथियारों के इस्तेमाल से जुड़ा हुआ है. इसको लेकर फ्रांस की एक अदालत में याचिका दायर की गई थी.

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सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद (फोटो- रॉयटर्स) सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद (फोटो- रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:21 AM IST

फ्रांस ने सीरिया में नागरिकों के खिलाफ प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के लिए राष्ट्रपति बशर अल-असद, उनके भाई माहेर अल-असद और दो अन्य अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. ये वारंट मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराधों के आरोपों को लेकर जारी किया गया है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अगस्त 2013 में सीरिया के डौमा और पूर्वी घोउटा जिले में केमिकल अटैक की आपराधिक जांच के मामले में वहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है. इस हमले में एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे.  

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यह पहला अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है, जो सीरिया के राष्ट्रप्रमुख के लिए जारी किया गया है. दरअसल सीरिया में साल 2011 में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सेना ने क्रूर कार्रवाई की थी, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध अपराध के बराबर बताया है.  

यह मामला सीरियन सेंटर फॉर मीडिया एंड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के वकील और संस्थापक माजेन दरविश ने फ्रांस में दायर किया था. उन्होंने कहा, ये पहला इंटरनेशनल गिरफ्तारी वारंट भी है, जो घोउटा में हुए केमिकल अटैक पर जारी किया गया है.   

केमिकल हथियारों के इस्तेमाल से सीरिया का इनकार

हालांकि सीरिया रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार करता है लेकिन संयुक्त राष्ट्र और रासायनिक हथियार निषेध संगठन की पिछली संयुक्त जांच में पाया गया कि सीरियाई सरकार ने अप्रैल 2017 के हमले में नर्व एजेंट सरीन का इस्तेमाल किया था और बार-बार क्लोरीन को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. सीरियाई राष्ट्रपति और सूचना मंत्रालय ने टिप्पणी के लिए तुरंत जवाब नहीं दिया.  

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फ्रांस में याचिका दायर करने वाले दरविश ने रॉयटर्स को बताया कि राष्ट्रपति असद सीरिया में कई अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन विशेष रूप से सरीन गैस के लिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना ही किए जा सकते हैं क्योंकि वो सेना का सर्वोच्च कमांडर है.  

पुतिन समेत दो नेताओं के खिलाफ जारी हुआ था वारंट

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के पास वर्तमान में दो राष्ट्राध्यक्षों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हैं. पहला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ और दूसरा सूडान के पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ. 

कई देशों ने असद की यात्रा पर लगाई थी रोक

हालांकि जब 2011 में सीरिया में गृहयुद्ध शुरू हुआ था तो रूस-ईरान को छोड़कर कई देशों ने राष्ट्रपति असद की यात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन बीते साल संयुक्त अरब अमीरात की उनकी यात्रा ने संबंधों की बहाली का संकेत दिया था. तब से अरब लीग में उनका स्वागत किया गया और उन्होंने चीन तक की यात्रा की.  

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सीरिया के रासायनिक हथियार कार्यक्रम की स्थापना करने वाली एजेंसी, वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान केंद्र (एसएसआरसी) के निदेशक घासम अब्बास और सुरक्षा-संपर्क अधिकारी के प्रमुख बासम अल-हसन को वारंट जारी किए गए थे.  

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पेरिस ट्रिब्यूनल ने जारी किए 11 वारंट

असद के भाई माहेर को चौथे बख्तरबंद डिवीजन के प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका में भागीदार माना गया. पेरिस ट्रिब्यूनल में मानवता के खिलाफ अपराध इकाई के न्यायाधीशों ने सीरियाई अधिकारियों द्वारा किए गए अपराधों के लिए कुल 11 गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. अक्टूबर में, फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने 2017 के बम के मामले में दो पूर्व रक्षा मंत्रियों के लिए वारंट जारी किया, जिसमें दारा में एक फ्रांसीसी-सीरियाई व्यक्ति की उसके घर पर मौत हो गई थी. 

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