ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका पर बुरा भड़का फ्रांस, कहा- पीठ में छुरा भोंका है

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि उन्होंने अमेरिकी परमाणु सबमरीन में निवेश करने और फ्रांस के साथ हुए डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन्स अनुबंध से अलग होने का फैसला किया है. मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने यह फैसला बदले रणनीतिक माहौल के कारण लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ नए सुरक्षा समझौते की घोषणा की है.

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फ्रांस के राष्ट्रपति फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स फ्रांस के राष्ट्रपति फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST
  • ऑस्ट्रेलिया के साथ अनुबंध खत्म होने से नाराज है फ्रांस
  • फ्रांस के विदेश मंत्री बोले, ऑस्ट्रेलिया ने हमें धोखा दिया है

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि उन्होंने अमेरिकी न्यूक्लियर सबमरीन में निवेश करने और फ्रांस के साथ हुए डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन्स अनुबंध से अलग होने का फैसला किया है.

मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने यह फैसला बदले रणनीतिक माहौल के कारण लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ नए सुरक्षा समझौते की घोषणा की है.

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इस सुरक्षा समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया में परमाणु क्षमता से लैस सबमरीन बनाया जाएगा. इस समझौते के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी डीसीएनएस से 12 सबमरीन बनाने का अनुबंध टूट गया है. 2016 में फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया के इस कॉन्ट्रैक्ट को अपने नाम किया था और तब से ऑस्ट्रेलिया इस पर 1.8 अरब डॉलर खर्च कर चुका है. 

ऑस्ट्रेलियाई पीएम बोले- जानता हूं फ्रांस हमारे फैसले से निराश होगा 

मॉरिसन ने कहा कि 2016 में जब ऑस्ट्रेलिया ने 43 अरब डॉलर की डील की थी तब अमेरिकी न्यूक्लियर सबमरीन तकनीक का विकल्प खुला नहीं था. अमेरिका अब ब्रिटेन के साथ मिलकर तकनीक साझा करने के लिए तैयार हुआ है. मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से इसी साल जून महीने में बात की थी और कहा था कि वे पारंपरिक सबमरीन की क्षमता को लेकर आशंकित हैं.

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मॉरिसन के मुताबिक उन्होंने मैक्रों से कहा था कि ऑस्ट्रेलिया को इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक सुरक्षा के हिसाब से सौदा चाहिए. मॉरिसन ने कहा, 'जाहिर है कि फ्रांस इससे निराश होगा. वे हमारे अच्छे पार्टनर हैं. लेकिन हमने अपने रणनीतिक हित, रणनीतिक जरूरतों और बदले सामरिक हालातों के चलते यह फैसला लिया है.' ऑस्ट्रेलिया के सेना प्रमुख जनरल एंगस कैंपबेल ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ हुए नए समझौते का स्वागत किया है. 

कैंपबेल ने कहा, 'हमारी सामरिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. चुनौतीपूर्ण हालातों में चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं. हमें भविष्य को ध्यान में रखकर फैसले लेने होंगे.' हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने अब तक ये फैसला नहीं किया है कि वे किस तरह के सबमरीन को चुनेंगे और न्यूक्लियर सबमरीन की कितनी कीमत होगी. 

मॉरिसन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया का रक्षा बजट बढ़ेगा. अभी ऑस्ट्रेलिया का रक्षा बजट उसकी जीडीपी का 2.2% है. ऑस्ट्रेलिया को पहला 97 मीटर लंबा शॉर्टफिन बारकुडा सबमरीन फ्रांस से 2027 में मिला था. मॉरिसन ने कहा कि 'एडिलेड में ये सबमरीन बनेंगे और 2040 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. फ्रांस 24 के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले से फ्रांस नाराज है.    

फ्रांस के विदेश मंत्री बोले- ये पीठ में छुरा भोंकने जैसा है

फ़्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इव लुदगियां और रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने संयुक्त बयान में कहा है, 'अमेरिकी विकल्प ने यूरोप के एक सहयोगी को बाहर कर दिया है. ऐसा तब हुआ है जब फ्रांस ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी आकार ले रही थी और हम इंडो-पैसिफिक में तमाम तरह की चुनौतियों से जूझ रहे हैं. इसे हम मूल्यों या बहुध्रुवीय दुनिया की कसौटी के आधार पर देखें तो सामंजस्य की भावना कम है और फ्रांस केवल खेद ही व्यक्त कर सकता है.'

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फ्रांस के विदेश मंत्री ने फ्रेंच रेडियो से गुरुवार सुबह कहा कि यह पीठ में छुरा भोंकने की तरह है. उन्होंने कहा कि फ़्रांस ने ऑस्ट्रेलिया के साथ भरोसा का संबंध कायम किया था लेकिन उसे धोखा दिया गया है.

 

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