नाइजीरिया पर एयर स्ट्राइक की तैयारी में US एयरफोर्स, ट्रंप बोले- वे बड़ी संख्या में ईसाइयों को मार रहे हैं

अमेरिका अब नाइजीरिया में जंग का नया मोर्चा खोल सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने इसके संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि कुछ अफ्रीकी देशों में ईसाइयों की लगातार हत्या हो रही है. नाइजीरिया ने कहा कि यदि उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाता है तो वह कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई का स्वागत करेगा.

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ट्रंप ने ईसाइयों पर हमले को लेकर चिंता जताई है. (File Photo: Reuters) ट्रंप ने ईसाइयों पर हमले को लेकर चिंता जताई है. (File Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST

नाइजीरिया में जल्द ही अमेरिका हवाई हमले कर सकता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईसाइयों की हत्या कर रहे आतंकवादियों के खात्मे के लिए उनके दिमाग में कई योजनाएं हैं. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि ईसाई धर्म नाइजीरिया में अस्तित्व का खतरा झेल रहा है. हजारों ईसाई मारे जा रहे हैं. रैडिकल इस्लामिस्ट इस सामूहिक हत्याकांड के जिम्मेदार हैं."

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ट्रंप ने कहा संकेत दिया है कि वे नाइजीरिया के कुछ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर सकते हैं या अमेरिकी सेना भेज सकते हैं. 

फ्लोरिडा में वीकएंड बिताने के बाद रविवार शाम को वाशिंगटन लौटते समय एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने 'युद्ध विभाग को संभावित तेज सैन्य कार्रवाई (Fast military action) के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह नाइजीरिया में जमीनी स्तर पर सैनिकों की तैनाती अथवा हवाई हमले की कल्पना कर रहे हैं तो ट्रंप ने कहा, "हो सकता है. मेरा मतलब है, कई चीजें हैं, मैं बहुत सी चीजों की कल्पना करता हूं. वे नाइजीरिया में रिकॉर्ड संख्या में ईसाइयों को मार रहे हैं. वे ईसाइयों को मार रहे हैं और बहुत बड़ी संख्या में. हम ऐसा नहीं होने देंगे."

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इससे पहले शुक्रवार को ट्रंप ने नाइजीरिया को दी जाने वाली सहायता रोकने की धमकी दी थी और चेतावनी दी थी कि अगर अफ्रीका का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश अपनी ईसाई आबादी की रक्षा करने में नाकाम रहा, तो अमेरिका 'सैन्य कार्रवाई' कर सकता है. उन्होंने व्यापक हिंसा के लिए "कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों" को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "नाइजीरिया में ईसाई धर्म वजूद का खतरा झेल रहा है."

ट्रंप ने नाइजीरिया को अमेरिकी विदेश विभाग की "विशेष चिंता वाले देशों" की सूची में शामिल करने की घोषणा की. अमेरिका इस सूची में उन देशों को शामिल करता है जो अमेरिका के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं. इस लिस्ट में अमेरिका ने चीन, म्यांमार, उत्तर कोरिया, रूस और पाकिस्तान को शामिल किया है.

नाइजीरिया की प्रतिक्रिया

नाइजीरिया ने रविवार को कहा कि वह इस्लामिक आतंकियों  से लड़ने में अमेरिकी मदद का स्वागत करेगा, बशर्ते उसकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाए. 

नाइजीरिया में ईसाइयों पर हमले का इतिहास

नाइजीरिया में ईसाई और मुस्लिम समुदायों के बीच टकराव की शुरुआत 1950 के दशक से देखी जा सकती है. बोको हराम और फुलानी चरवाहों जैसे समूह 2009 के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों के टारगेट पर आ गए. इनका मुख्य निशाना ग्रामीण ईसाई गांव और चर्च रहे हैं.

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एक रिपोर्ट के अनुसार 2009 से अब तक 45,000 से अधिक लोगों की जान सिर्फ ईसाई विरोधी हिंसा में गई है, साथ ही हजारों चर्च नष्ट किए गए हैं. 

हाल के वर्षों में ईसाइयों पर हुए बड़े हमले

मार्च 2025: विकीपीडिया के अनुसार ताराबा राज्य के करिम लामिदो में 24 मई को फुलानी चरवाहों ने हमला कर 42 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इनमें से जिनमें 24 यूनाइटेड मेथोडिस्ट थे. इस दौरान 60 घर जला दिए गए और 5000 लोग विस्थापित दिए.

जून 2025: 13-14 जून को बेन्युए राज्य के इएलेवाटा गांव में फुलानी चरवाहों ने ईसाई गांववालों पर हमला कर 100 से लोगों की हत्या की. दर्जनों घरों को जला दिया गया​.

सितंबर 2025: 5 सितंबर को बोको हराम ने बोर्नो राज्य के दरुल जमाल गांव में रातभर हमले कर 63 से ज्यादा लोगों को मार डाला. 

सितंबर 2025: 23 सितंबर रात को बोको हराम ने Adamawa राज्य के वाग्गा मोंगोरो गांव में हमला कर 4 ईसाइयों को मार दिया, कई घायल किए और चर्च और घरों को राख कर दिया. 

अक्टूबर 2025: 14 अक्टूबर को प्लेटू राज्य के रचास और रावुरु गांवों में फुलानी मिलिटेंट्स ने हमला कर 13 लोगों को मार डाला. 
 

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