शी जिनपिंग के सामने नहीं दिखे एयरफोर्स कमांडर, चीन में एंटी-करप्शन अभियान की हलचल तेज

चीनी सरकारी टीवी चैनल CCTV पर दिखाए गए फुटेज में एयरफोर्स कमांडर जनरल चांग डिंगचिउ और एयरफोर्स के राजनीतिक कमिश्नर गुओ पुछियाओ सोमवार को हुए उस समारोह में नजर नहीं आए, जिसमें सेना में खाली पड़े शीर्ष पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. ये पद हाल के बड़े भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बाद खाली हुए हैं.

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शी जिनपिंग के कार्यक्रम से एयरफोर्स के दो दिग्गज क्यों गायब? ( Representational Photo: Reuters) शी जिनपिंग के कार्यक्रम से एयरफोर्स के दो दिग्गज क्यों गायब? ( Representational Photo: Reuters)

aajtak.in

  • बीजिंग,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में हुए एक अहम सैन्य कार्यक्रम से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) एयरफोर्स के दो शीर्ष अधिकारी गैर हाजिर दिखे. इनकी गैरमौजूदगी ने चीन की सेना में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को लेकर नई अटकलों को जन्म दे दिया है.

चीनी सरकारी टीवी चैनल CCTV पर दिखाए गए फुटेज में एयरफोर्स कमांडर जनरल चांग डिंगचिउ और एयरफोर्स के राजनीतिक कमिश्नर गुओ पुछियाओ सोमवार को हुए उस समारोह में नजर नहीं आए, जिसमें सेना में खाली पड़े शीर्ष पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. ये पद हाल के बड़े भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बाद खाली हुए हैं.

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राष्ट्रपति शी जिनपिंग न सिर्फ चीन के राष्ट्रपति हैं बल्कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के अध्यक्ष भी हैं. CMC ही पीएलए की सर्वोच्च कमान है.

54 साल की उम्र में बने थे एयरफोर्स कमांडर

58 वर्षीय जनरल चांग डिंगचिउ को लंबे समय से चीन की सेना का उभरता सितारा माना जाता रहा है. अगस्त 2021 में उन्हें सिर्फ 54 साल की उम्र में एयरफोर्स कमांडर बनाया गया था जो अपने आप में एक रिकॉर्ड माना गया. वे कई सालों तक अपने रैंक में सबसे कम उम्र के अधिकारी रहे. हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, चांग का प्रोफाइल चीनी सर्च इंजन बैडू से पिछले हफ्ते से गायब है.

पीएलए की ओर से अब तक चांग की स्थिति को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. उनकी आखिरी सार्वजनिक मौजूदगी अक्टूबर में देखी गई थी जब वे कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी की चौथी बैठक में शामिल हुए थे. वे इस शीर्ष नीति निर्धारण संस्था के पूर्ण सदस्य हैं. चांग की गैरहाजिरी ने पहले गायब हो चुके अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की याद दिला दी है. हाल के महीनों में पीएलए के थलसेना और नौसेना प्रमुख भी सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं और वे भी अक्टूबर में हुई पार्टी की अहम बैठक से नदारद थे.

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रिपोर्ट के मुताबिक थलसेना प्रमुख ली कियाओमिंग और नौसेना प्रमुख हू झोंगमिंग उन 17 सैन्य अधिकारियों में शामिल थे जो चौथी प्लेनम बैठक में मौजूद नहीं थे. हालांकि, दोनों अब भी सेंट्रल कमिटी के सदस्य हैं और उन्हें सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोपों में नहीं घसीटा गया है.

खालीपन को भरने की कोश‍िश कर रहा चीन

सोमवार का ये समारोह इस साल अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था जिससे संकेत मिलता है कि चीन की सेना अब उस खालीपन को भरने की कोशिश कर रही है, जो बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बाद पैदा हुआ है. इस अभियान में दर्जनों जनरलों को अचानक पद से हटा दिया गया. PTI की रिपोर्ट के अनुसार इस समारोह में शी जिनपिंग ने यांग झिबिन और हान शेंगयान को पूर्ण जनरल के पद पर पदोन्नत किया. यांग पूर्वी थिएटर कमांड के कमांडर हैं जबकि हान सेंट्रल थिएटर कमांड के राजनीतिक कमिश्नर हैं. फुल जनरल का पद पीएलए में सबसे ऊंचा सक्रिय सैन्य रैंक माना जाता है.

प्रमोशन की रफ्तार भी धीमी

हाल के वर्षों में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के प्रमोशन की रफ्तार भी काफी धीमी हो गई है. जहां 2023 में CMC ने चार ऐसे समारोह किए थे, वहीं 2024 में अब तक सिर्फ तीन ही कार्यक्रम हुए हैं. आमतौर पर ऐसे समारोहों में सभी सक्रिय शीर्ष जनरलों की मौजूदगी जरूरी मानी जाती है. पिछले दो सालों में शी जिनपिंग के सख्त भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत पीएलए के कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया गया है. शी लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सेना पूरी तरह कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण में ही काम करे.

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इस अभियान के तहत हटाए गए बड़े नामों में पूर्व CMC उपाध्यक्ष और 24 सदस्यीय पोलितब्यूरो के सदस्य हे वेइडोंग शामिल हैं. इसके अलावा सेना के पूर्व राजनीतिक और कार्मिक प्रमुख मियाओ हुआ और दो पूर्व रक्षा मंत्री वेई फेंगहे और उनके उत्तराधिकारी ली शांगफू भी 2023 में जांच के दायरे में आ चुके हैं.

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