अब श्रीलंका पर ड्रैगन की 'बुरी नजर'? तालाब खोदते देखे गए चीनी सैनिक, बढ़ा बवाल

हाल ही में हंबनटोटा में चीनी सैन्य कर्मियों की कथित तैनाती की वजह से हंगामा मच गया है, जिसके बाद दुनियाभर के देशों की चिंताएं और बढ़ गई हैं.

Advertisement
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

aajtak.in

  • कोलंबो,
  • 05 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST
  • श्रीलंका में काम करते देखे गए चीनी सैनिक
  • प्राचीन तालाब को खोदते आए नजर
  • श्रीलंका-चीन ने आरोपों को किया खारिज

पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद खड़ा करने वाला ड्रैगन दूसरे देशों की जमीनों पर टेढ़ी नजर रखने के लिए कुख्यात है. ड्रैगन ने पाकिस्तान में जमकर निवेश किया, जिसके बाद पाक तकरीबन बर्बादी की कगार पर आ गया.

अब चीन ने अपनी नजरें भारत के एक और पड़ोसी देश की तरफ उठा ली हैं. इस पड़ोसी देश का नाम श्रीलंका है और यहां चीन इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने नियंत्रण की कोशिश कर रहा है. हाल ही में हंबनटोटा में चीनी सैन्य कर्मियों की कथित तैनाती की वजह से हंगामा मच गया है, जिसके बाद दुनियाभर के देशों की चिंताएं और बढ़ गई हैं.

Advertisement

हंबनटोटो में तालाब खोदते देखे गए चीनी 'सैनिक'

ट्रू सीलोन के अनुसार, कई चीनी युवकों को हाल ही में हंबनटोटा में एक प्राचीन तालाब को खोदते हुए देखा गया. इन लोगों ने चीनी सेना के कपड़े पहने हुए थे. श्रीलंकाई कानून के मुताबिक, सेना में सेवा न करने पर भी उसकी वर्दी पहनना या अपने पास रखना एक दंडनीय अपराध है. पूर्व सेना कमांडर और सांसद फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका ने खुले तौर पर आरोप लगाया कि चीनी सैन्यकर्मी साइट पर काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार में कई लोगों के चीन के अमीर व्यापारियों से संबंध हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि फैसले कैसे किए जा रहे हैं. 

चीनी दूतावास ने आरोपों को किया खारिज

हाल ही में चीन ने श्रीलंका में कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट को भी 99 सालों के लिए अपने कब्जे में लीज पर ले लिया था. इसके बाद, कई तरह के विरोध के स्वर भी खड़े होने लगे थे. 'एएनआई' के अनुसार, श्रीलंका में तालाब की खुदाई कर रहे 'चीनी जवानों' के बारे में लग रहे आरोपों को चीनी दूतावास ने हर बार की तरह खारिज कर दिया. उसने कहा कि इस तरह के कपड़े पहनना आम बात है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: गलवान में ज्यादा मरे थे हमारे सैनिक, कहकर फंस गया चीनी

पाक में सीपीईसी के जरिए 'कब्जे' की कोशिश में चीन

वहीं, चीन पाकिस्तान पर भी हक जमाने की कोशिश में लगा हुआ है. रिपोर्ट्स में आगे बताया गया है कि उसने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए कई 'कंपनियों' को तैनात किया है और अगर बीजिंग हंबनटोटा और कोलंबो में 'अपने' बंदरगाह का विरोध करने को रोकने के लिए अपनी सेना को नागरिकों के रूप में तैनात करता है तो ऐसे में  श्रीलंकाई लोगों को आश्चर्य नहीं करना चाहिए.

वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. श्रीलंका के विपक्षी दल ने चीनी सैन्य वर्दी की तरह कपड़ों में विदेशियों की उपस्थिति पर सवाल उठाया है. इस बात के काफी सबूत थे कि वर्दी वास्तव में चीनी सेना की थी.

श्रीलंका सरकार बोली- आम हैं ऐसे कपड़े

उधर, कैबिनेट प्रवक्ता मंत्री केहेलिया रामबुक्वेला ने श्रीलंका में संभावित चीनी सैन्य उपस्थिति की चिंताओं को खारिज कर दिया और पिछले दिनों दावा किया कि चीनी श्रमिकों ने जिस तरह के कपड़े पहने हुए थे, वह उसी प्रकार के थे, जिसे श्रीलंका के मजदूर ऑटोमोबाइल वर्कशॉप्स में पहनते हैं. साप्ताहिक कैबिनेट प्रेस वार्ता में, मंत्री रामबुक्वेला ने कहा कि यदि पुरातत्व अधिनियम का उल्लंघन किया गया है, तो ऐसे कानून हैं जिनका श्रीलंका सहारा ले सकता है.

Advertisement

खीरे की खेती भी करते पाए गए चीनी

इस बीच, ट्रू सीलोन ने दावा किया कि लोगों ने किलिनोच्ची में चीनियों द्वारा चलाए जा रहे समुद्री खीरे के खेतों को भी देखा. मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद के अनुसार, पिछली सरकार के दौरान 2017 से यह फार्म चालू था है. इसके साथ ही, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के उत्तरी हिस्से में इस तरह के खेत को चलाने के लिए कोई परमिट जारी नहीं किया गया था. खेत कैसे अस्तित्व में आया, इसकी जांच की जा रही है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement